रिपोर्ट- अभिनव कुमार
दरभंगा. मैथिली भाषा के कॉमेडियन दीपक दीवाना को कौन नहीं जानता है. इनकी मैथिली संस्कृति पर कॉमेडी हर किसी को गुदगुदाता है. पर इनका सफर इतना आसान नहीं था. कभी मैथिली भाषा के डायरेक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई नगरी पहुंचे थे और वहां फ्लॉप होने के बाद वापस दरभंगा आए. फिर यूट्यूब पर कॉमेडी वीडियो बनाने का सफर शुरू हुआ और फिर स्टार बने. किसी समय पैसे के लिए मोहताज दीपक आज लाखों रुपए सैलरी दे रहें हैं. मैथिली की जागरूकता पर मैथिली कॉमेडी बना-बनाकर सिल्वर के साथ गोल्ड प्ले बटन भी यूट्यूब से हासिल कर चुके हैं.
फिल्म को रिलीज कराने के लिए जाना पड़ता था दिल्ली-मुंबई
एएम फिल्म प्रोडक्शन के निर्देशक और प्रोड्यूसर दीपक दीवाना बताते हैं कि अभी हम जो भी कंटेंट बनाते हैं, उसको एडिट करके तुरंत अपलोड भी कर देते हैं. तुरंत पता लग जाता है कि इसका आउटपुट क्या निकलेगा. जो भी सब्सक्राइबर हैं हमारे वह हमें मार्गदर्शन भी देते हैं. लेकिन पहले तो बहुत परेशानी होती थी पहले रिलीज कराने के लिए दिल्ली, मुंबई जाना पड़ता था. यानी खुद के पैसे लगाकर प्रोजेक्ट बनाओ उसको रिलीज करो उसे रिलीज के अलग से पैसे देने पड़ते थे. वह सही लोगों तक पहुंचा कि नहीं उसका भी पता नहीं चल पाता था. अभी बहुत आसान हो गया है.
मिलियन में हैं सब्सक्राइबर, सिल्वर और डायमंड प्ले बटन
दीपक दीवाना का यूट्यूब चैनल का सफर इतना आसान नहीं था. उन्होंने ने बताया कि शुरूआती दिनों में बहुत कम व्यू और लाइक मिलता था. इसके बाद लोगों की पसंद और मेरे व्यूअर की राय को देखने के बाद कंटेंट बनाने लगा. दीपक ने बताया कि यूट्यूब के द्वारा अभी तक सिल्वर प्ले बटन और गोल्ड प्ले बटन मिल चुका है. यह दोनों प्ले बटन मिलने से काफी खुश हैं और ज्यादा मेहनत कर रहा हूं. डायमंड प्ले बटन मिले. गौरतलब है कि सिल्वर प्ले बटन एक लाख सब्सक्राइबर होने के बाद मिलता है. वहीं, जब आपका एक मिलियन सब्सक्राइब हो जाता है, तब आपको गोल्ड प्ले बटन मिलता है. आज इनके यूट्यूब चैनल के सब्सक्राइब 2 मिलियन के लगभग हैं.
मैथिली के उत्थान के दिशा में चलाते हैं यूट्यूब
दीपक दीवाना बताते हैं कि मिथिला और मैथिली के संस्कृति और संस्कार में से ही हम अपना कांसेप्ट निकालते हैं. इसी स्क्रिप्ट पर हम अपना काम करते हैं और समाज को इन कुरीतियों से अवगत कराते हैं. जिससे कि सामाजिक कुरीतियों से बाहर निकल सके.
कलाकारों को मिल रहा है सभी जगह सम्मान
यहां काम कर रहे कलाकार दशरथ पासवान बताते हैं कि पहले कोई पूछने वाला नहीं था. लेकिन अब जब किसी जगह पर जाते हैं तो लोगों का काफी प्यार मिलता है. सम्मान मिलता है और लोग सेल्फी लेने के लिए मेरे पास आते हैं, तो मुझे बहुत अच्छा लगता है. पहले इतनी इज्जत नहीं थी लेकिन अब लोग सलाम ठोंकते हैं. पहले गांव समाज के लोग मुझे बोना कह कर संबोधित करते थे, लेकिन अब गांव में जाते हैं तो लोग कॉमेडियन नाम मेरा चुनालाल से पुकारते हैं.
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Tags: Bihar News, Darbhanga new
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