होम /न्यूज /बिहार /Indian Railway: दरभंगा के जिस स्टेशन पर 1874 में आई थी पहली ट्रेन वह गायब

Indian Railway: दरभंगा के जिस स्टेशन पर 1874 में आई थी पहली ट्रेन वह गायब

हेरिटेज के परमानेंट सदस्य संतोष कुमार बताते हैं कि 17 अप्रैल 1874 को जो पहली ट्रेन समस्तीपुर से चली थी. वह हराही स्टेशन ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट-अभिनव कुमार

    दरभंगा. एक दौर में रेल की बात भारत में बड़ी बात होती थी. लेकिन उस समय भी बिहार के दरभंगा जिले में रेल आती थी. वह भी घर के दरवाजे तक. जी हां, दरभंगा के जाने माने रजवाड़ों में से एक दरभंगा महाराज हुआ करते थे. 1874 के वक्त इन्हीं दरभंगा महाराज के कैंपस में रेलवे स्टेशन होता था. लेकिन आज यह अपना अस्तित्व को खो चुका है. अगर इसे संरक्षित रखा जाता तो आने वाली पीढ़ियों के लिए इस इतिहास को नजदीक से देखना का मौका मिलता. अब यह सिर्फ किताबों के पन्नों तक में ही सिमट कर रह गया है.

     
    17 अप्रैल 1874 को समस्तीपुर से चली थी पहली ट्रेन

    राज परिवार के जानकार और हेरिटेज के परमानेंट सदस्य संतोष कुमार बताते हैं कि 17 अप्रैल 1874 को जो पहली ट्रेन समस्तीपुर से चली थी. वह हराही स्टेशन होते हुए नरगोना टर्मिनल तक आई थी. उस वक्त भारत के गिने-चुने रजवाड़ों में से एक दरभंगा महाराजा थे. जिनके कैंपस में ट्रेन उस वक्त आती थी. 1992 तक यहां ट्रेन के इंजन और पटरी मौजूद थी. लेकिन रखरखाव नहीं होने के कारण इस स्टेशन का अस्तित्व ही खत्म हो गया है. उस जमाने में दरभंगा महाराजा पूरे देश के लिए एक मिसाल थे.

    रेल लाइन के लिए महाराजा ने अंग्रेजी हुकूमत को दी थी जमीन
    संतोष कुमार बताते हैं कि उस वक्त जो मोकामा से दरभंगा नरगोना टर्मिनल तक रेल लाइन बिछाई जानी थी. उसके टीम मैनेजर मिस्टर स्केल्टन थे. अंग्रेजी हुकूमत की तरफ से मिस्टर स्केल्टन ने दरभंगा महाराजा के पास प्रस्ताव रखा कि अगर आप भूमि अधिग्रहण कर के देते हैं तो हम इस तरफ ट्रेन लाना चाहते हैं. जिसमें दरभंगा महाराजा का सबसे बड़ा योगदान रहा. जिन्होंने जमीन के साथ मजदूरों की भी व्यवस्था करवाई. यह ट्रेन 1874 में यहां तक पहुंची. बता दें कि 1853 में भारत में सबसे पहली ट्रेन शिवाजी नगर से थाणे के बीच में चली थी. उसके महज 21 वर्षों के बाद ही इस सुदूर क्षेत्र में तक ट्रेन आई पहुंच गई थी.
    1874 में मिथिलांचल में जहां पहुंची पहली ट्रेन, वह स्टेशन हो गया गायब

    यहां के जानकार बताते हैं कि दरभंगा के आखिरी महाराजा की मृत्यु 1962 में हुई. तब तक यहां ट्रेनों का परिचालन हुआ करता था. यहां दरभंगा महाराज की खुद की राजशाही ट्रेन हुआ करती थी. जिसका नाम पैलेस ऑन व्हील था. पर 1874 ईस्वी में मिथिलांचल के जिस प्लेटफार्म में पहली ट्रेन आई थी, आज वह स्टेशन गायब हो गया है.

    Tags: Bihar News, Darbhanga news, Indian railway

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें