बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election Result 2020) में पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल विधानसभा क्षेत्र (Raxaul Assembly Seat Live Update) से बीजेपी के प्रमोद कुमार सिन्हा चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के रामबाबू प्रसाद यादव को 36923 वोटों से शिकस्त दी.
पूर्वी चंपारण जिले में आने वाले रक्सौल विधानसभा क्षेत्र (Raxaul Assembly Seat) में हुए 20 साल के चुनावों के इतिहास पर नजर डालें, तो यहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अलावा और किसी का नाम नजर नहीं आता. मगर बिहार के ताजा राजनीतिक हालात में पड़ोसी देश नेपाल की सीमा से सटे इस विधानसभा क्षेत्र की जीत बीजेपी के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि इस बार के चुनाव (Bihar Assembly Election) में भी अगर बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. अजय कुमार सिंह यहां से जीतते हैं, तो यह न सिर्फ पार्टी के लिए बल्कि खुद उनके लिए 'सिक्सर' होगा.
जी हां, डॉ. अजय कुमार सिंह 2000 के बाद से अब तक हुए सभी चुनावों में लगातार जीत हासिल करते रहे हैं. इस लिहाज से रक्सौल विधानसभा बीजेपी का अभेद्य किला है, जिस पर जीत हासिल करने के लिए विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) हर रणनीति आजमाना चाहेगा.
रक्सौल विधानसभा क्षेत्र के पिछले 5 चुनावों के परिणामों पर नजर डालें, तो एक बात साफ हो जाती है कि यहां बीजेपी को मिलने वाले वोटों की संख्या में बदलाव भले दिखता हो, लेकिन जीतने वाले उम्मीदवार का चेहरा नहीं बदला है. वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में यहां से विधायक निर्वाचित होने वाले डॉ. अजय कुमार सिंह ने उसके बाद के 4 चुनावों में लगातार जीत हासिल की है. यहां तक कि 2005 में सालभर के भीतर दो बार हुए विधानसभा के चुनाव में भी रक्सौल की जनता ने अपना मन नहीं बदला. ऐसे में 2020 का विधानसभा चुनाव सही मायने में चुनौतीपूर्ण होने वाला है.
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में बिहार के राजनीतिक हालात, देश के तत्कालीन सियासी परिदृश्य के मुकाबले अलग थे. 2014 में ही केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली राजग ने सरकार बनाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार का अंदाज, मतदाताओं के सिर चढ़कर बोल रहा था. लेकिन बिहार में सामाजिक न्याय के पुरोधा लालू यादव और 'सुशासन' के दम पर सरकार चलाने का दावा करने वाले नीतीश कुमार ने महागठबंधन बनाकर, तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों को अपने पक्ष में कर लिया. यही वजह रही कि रक्सौल विधानसभा सीट पर हुए चुनाव का परिणाम भले ही बीजेपी के पक्ष में आया, लेकिन प्रतिद्वंद्वी आरजेडी के प्रत्याशी ने भी अपनी सशक्त दावेदारी जरूर पेश की. 2015 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ने महज 3169 वोटों से जीत हासिल की थी. सियासी रणनीतिकार इस एक वजह को आधार मानकर अंदाजा लगा रहे हैं कि 2020 का विधानसभा चुनाव भी कड़ी प्रतिस्पर्धा वाला होगा.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2020, 11:55 IST