रिपोर्ट : कुंदन कुमार
गया. सनातन धर्म में प्रगाढ़ आस्था का केंद्र और पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाली मोक्ष नगरी गया में अब देश ही नहीं विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. पूर्वजों को मोक्ष दिलाने को लेकर प्रत्येक वर्ष यहां लाखों की संख्या में पिंड दान करने लोग आते है और मोक्ष दायिनी फल्गु नदी के पवित्र जल से पिंडदान और तर्पण करते है. इसमें विदेशियों की भी बड़ी संख्या होती है.जिसमें साल दर साल इजाफा हो रहा है.पूर्व में नेपाल से सबसे अधिक विदेशी श्रद्धालु कर्मकांड के लिए आते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षो से विश्व के कई देशों के श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ी है.
मोक्ष भूमि गया में सालों भर पिंडदान का विधान है और यहां देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु अपने पूर्वजों का तर्पण करने पहुंचते हैं.शुक्रवार को गया के विष्णुपद देवघाट पर 33 देशों के करीब 50 श्रद्धालुओं ने एक साथ अपने पूर्वजो का पिंडदान किया. पिंडदान करने वालों में साउथ अमेरिका, अर्जेंटिना, पेरू, चिली, गाना, इक्वाडोर, रुस, कोस्टा रिका, युक्रेन, चीन, मलेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, अफ्रीका, लंदन, पोलिबिया, मलेशिया समेत 33 देशों के महिला और पुरुष तीर्थयात्री शामिल हैं. सभी श्रद्धालुओं ने एक साथ बैठकर अपने पितरों को याद किया और भारतीय परंपरा के अनुसार अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया.
विदेशी श्रद्धालु ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कर्मकांड किया
विदेश से आए पिंडदानियों ने देवघाट पर कर्मकांड किया और आशीर्वाद प्राप्त किया. विदेशी श्रद्धालु ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कर्मकांड किया. श्रद्धालुओ ने बताया अपने पूर्वजों का कर्मकांड कर मन में शांति मिला साथ ही भारतीय संस्कृति से काफी प्रभावित हुए. बता दें कि सभी श्रद्धालु इस्कॉन मायापुर से स्वामी पताका महाराज के इस्कॉन सफारी प्रोग्राम को ऑर्डिनेट करने के लिए भगवान विष्णु के पावन धरती गया पहुंचे थे. इस्कॉन सफारी प्रोग्राम मे भारत समेत 33 देशों के श्रद्धालु शामिल है. गया पहुंचते ही श्रद्धालुओ ने अपने पूर्वजो का तर्पण कर पिंडदान किया.
कई देशों में घूम-घूमकर सनातन धर्म का करते हैं प्रचार-प्रसार
मोक्षनगरी में आने वाले विदेशी श्रद्धालु ज्यादातर इस्कॉन के सहयोग से आते हैं. मायापुर इस्कॉन मंदिर के कोआर्डिनेटर अमित पाल ने कहा इस्कॉन संस्था पूरे विश्व में है. जो विश्व के कई देशों में घूम-घूमकर लोगों को सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रही है. संस्था की प्रेरणा से बहुत से विदेशी श्रद्धालु यहां आते हैं. विश्व के कई देशों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. वह लोगों को गया में पिंडदान के लिए प्रेरित करते है. इसी कारण प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु गया आते हैं.
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Tags: Bihar News, Gaya news
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