स्कूलों में प्रोजेक्टर आधारित स्मार्ट क्लास और लाइब्रेरी की भी मिलेगी सुविधा
रिपोर्ट-कुंदन कुमार
गया. जिले के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूल की तरह बनाया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ी कार्य योजना पर काम शुरू किया है. इस कार्य योजना के तहत जिले के हर प्रखंड से 2-2 विद्यालय तथा नगर निगम क्षेत्र के 2 विद्यालय कुल मिलाकर 50 सरकारी स्कूलों का चयन कर उन्हें मॉडल शिक्षण संस्थान की तरह विकसित किया जा रहा है. मॉडल विद्यालय बनाने का उद्देश्य है कि ड्रॉपआउट अनुपात में कमी लायी जाएगी. शिक्षा की गुणवत्ता में और तेजी से सुधार लाया जाएगा. ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा.
होगा यह बदलाव
प्रोजेक्टर बेस्ट स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को और बारीकी से पढ़ाई की सुविधा मिलेगी, कंप्यूटर लैब की स्थापना की जाएगी. इसके साथ-साथ डिजिटल लिटरेटिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. मॉडल स्कूल में विकसित करने के लिए 6 एक्टिविटी प्लान तैयार किया गया है. जिसमें बाला द्वारा वॉल पेंटिंग, कंप्यूटर लैब, प्रोजेक्टर बेस्ड स्मार्ट क्लास, अत्याधुनिक लाइब्रेरी, शिक्षकों का प्रशिक्षण और क्षमता का निर्माण एवं परियोजना का मूल्यांकन शामिल है.
जिले के हर प्रखंड के 02-02 स्कूलों का किया चयन
ज़िला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि गया जिले के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने का यह काम शुरू किया गया है. इस कार्य योजना के तहत चिन्हित होने वाले इन 50 स्कूलों तथा उत्क्रमित विद्यालय एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अगले तीन महीने के अंदर शिक्षा तथा अन्य तरह की शिक्षणेतर गतिविधियों को उच्च पायदान पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस काम को मिशन के रूप में पूरा किया जाएगा. इसके लिए जिले के हर प्रखंड के 02-02 स्कूलों का चयन किया गया है. इन मॉडल विद्यालयों में बाला (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) के माध्यम से परिसर और कमरों में रंगीन पेंटिंग, दृश्य और ज्यामितीय आकार, दीवारों, दरवाजों, सीढ़ियों इत्यादि पर अक्षर और शब्द तथा आंकड़े एवं सामाजिक संदेशों से संबंधित चित्रकारी करायी जाएगी.
मॉडल स्कूलों के शिक्षकों को भी जरुरी प्रशिक्षण दिया जाएगा
आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में स्थापित होने वाले इस सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्टर आधारित स्मार्ट क्लास और लाइब्रेरी की भी सुविधा छात्र-छात्राओं को दी जाएगी. उन्होंने बताया कि आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में स्थापित होने वाले चिन्हित 50 स्कूलों को विकसित किया जाएगा. इन स्कूलों के भवन के रंग-रोगन के साथ उसे इस तरह सजाया-संवारा जाएगा ताकि वह बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने में सहायक हो. इसके अलावा इन स्कूलों के सभी वर्ग कक्ष को आनंदमयी बनाया जाएगा. स्कूलों में स्मार्ट क्लास तथा लाइब्रेरी की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इन स्कूलों में सभी जरूरी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इन मॉडल स्कूलों के शिक्षकों को भी जरुरी प्रशिक्षण दिया जाएगा. डीएम ने बताया कि इन मॉडल स्कूलों के छात्र-छात्राओं को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए इन स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी विशेष तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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