हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमितों मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गया. गया जिला के डोभी प्रखंड के श्रम पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह की एएनएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. उन्हें गंभीर स्थिति में एक दिन पहले एएनएमसीएच में भर्ती कराया गया था और अगले दिन ही उनकी मौत हो गई. उनकी कोरोना की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें कोरोना के संदिग्ध मरीज के रूप में चिन्हित करते हुए कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत शव को परिजनों को सौंप दिया है. मृतक अनिल कुमार सिंह के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.
'मेरे पापा को समय से नहीं दिया गया ऑक्सीजन'
मृतक के बेटे कुशाग्र कुमार ने कहा कि उन्हें समय से ऑक्सीजन नहीं दिया गया और किसी डॉक्टर ने उन्हें देखने तक की जहमत नहीं उठाई जिसकी वजह से उनके पिता को असमय ही अपनी जान गंवानी पड़ी. गौरतलब है कि इससे पहले जिला योजना पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा, मगध डेयरी के एमडी अवधेश कुमार कर्ण समेत कई लोगों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हो चुकी है.
एएनएमसीएच प्रबंधन पर लगातार लग रहा लापरवाही का आरोप
गया के एएनएमसीएच को कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में सरकार ने चिन्हित किया है और यहां अभी सिर्फ कोरोना से जुड़े हुए मरीजों को ही इलाज के लिए भर्ती किया जा रहा है इसके बावजूद भर्ती मरीजों के इलाज में लगातार लापरवाही की शिकायत परिजनों द्वारा की जा रही है. डोभी के श्रम पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह की मौत मामले मे भी परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है. बीते रविवार को शेरघाटी के एक व्यवसायी को अनुमंडलीय अस्पताल से रेफर कर यहां आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था. गंभीर स्थिति होने के बावजूद लगातार 4 घंटे तक उसे देखने के लिए कोई चिकित्सक नहीं आया.
मरीज के परिजनों ने किया थां हंगामा
सोमवार को भी एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिजनों ने अस्पताल में काफी हंगामा किया क्योंकि उनके मरीज को ढाई घंटा में ही 5 ऑक्सीजन सिलेंडर बदला गया. परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने का काम चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के बजाय चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है जिसमें कई बार लापरवाही हो रही है और इससे मरीज को नुकसान हो रहा है.
अधीक्षक ने दी सफाई
एएनएमसीएच में लगातार आ रही लापरवाही की खबर के बीच पिछले दिनो यहां के अधीक्षक विजय कृष्ण को हटाकर डॉक्टर हरिश्चन्द्र हरि को अस्पताल का अधीक्षक बनाया गया था, इसके बावजूद लापरवाही की शिकायतें लगातार आ रही है. अस्पताल अधीक्षक डॉ हरिश्चन्द्र हरि ने बताया कि जो भी मरीज उनके अस्पताल में आ रहे हैं उनकी हरसंभव बेहतर इलाज की कोशिश की जा रही है. अधीक्षक के मुताबिक अगर कोई परिजन इलाज से असंतुष्ट होकर अपने मरीज को बाहर ले जाना चाहता है तो उसे भी रेफर कर दिया जाता है.
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Tags: Bihar News, Corona epidemic, Corona Pandemic, Corona patient, Gaya news
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