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Gaya News: गया के किसान होंगे एडवांस! इंटरनेट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी से करेंगे खेती

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कृषि केंद्रित बिहार का पहला एडवांस्ड ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन बाराचट्टी में बनाया जा

Gaya News: बिहार में पहली बार सरकारी स्तर पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से गया में खेती कराने की तैयारी हो रही है. इसके लिए गय ...अधिक पढ़ें

कुंदन कुमार
गया. गया के किसानों का खेती का ट्रेंड अब बदलने वाला है. किसान आने वाले दिनों में एडवांस टेक्नोलॉजी से खेती करेंगे. बिहार में पहली बार सरकारी स्तर पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से गया में खेती कराने की तैयारी हो रही है. इसके लिए गया के बाराचट्टी में नाबार्ड के सहयोग से तकरीबन 40 लाख रुपए की लागत से कृषि केंद्रित बिहार का पहला एडवांस ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन बनाया जाएगा और बाराचट्टी के झिंगुरा में पूर्व में बने वेदर सटेशन को इससे जोड़ा जाएगा.

किसानों को इंटरनेट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से खेती से संबंधित तमाम जानकारियां दी जाएगी. इसके अलावे रिमोट से सिंचाई व्यवस्था कंट्रोल करना, ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव, सेंसर से मिट्टी की आद्रता मापना, घर बैठे किसानों को मौसम की सटीक जानकारी और कीटनाशक चयन में मदद की जाएगी. इसके साथ ही किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए सलाह दी जाएगी. जिसके लिए हर पल कृषि वैज्ञानिक की टीम सलाह देने के लिए तैयार रहेगी.

तकनीक और मार्केट खेती कराने की है तैयारी
गया के बाराचट्टी प्रखंड के सोभ गांव में तकनीक और मार्केट केंद्रित खेती कराने की तैयारी हो रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत गया का चयन किया गया है. नाबार्ड और इफ्को किसान की ओर से यह प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. इसके तहत कृषि केंद्रित बिहार का पहला एडवांस्ड ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन बाराचट्टी में बनाया जाएगा.

करीब छह सौ किसानों को केंद्र में रखकर यह प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. सभी 600 किसानों को इंटरनेट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के जरिए खेती संबंधित तमाम जानकारियां दी जाएंगी. एक तरफ किसानों को मौसम की तत्काल जानकारी दी जाएगी तो दूसरी तरफ नई तकनीक के जरिए खेती कार्य को सुगम बनाया जाएगा.

बिहार में पहली बार तकनीक केंद्रित होगी खेती की तैयारी
नाबार्ड के डीडीएम उदय कुमार बताते है नाबार्ड और इफ्को किसान की ओर से पहली बार बिहार के गया में तकनीक केंद्रित खेती की तैयारी है. विभागीय स्वीकृति मिल गई है. अप्रैल से वेदर स्टेशन निर्माण सहित अन्य कार्यों को गति मिल जाएगी. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो बड़े पैमाने पर इस विधि से खेती कराई जा सकती है. दक्षिण भारत में इस तरह से खेती खूब हो रही है. इसके लिए 10 हेक्टेयर भूमि को प्रयोग के तौर पर चुना गया है जिसमे करीब 600 किसानों को चयन किया गया है और सभी किसानों का डिजिटल डाटा तैयार होगा.

सभी किसानों को उनके मोबाइल पर कृषि की तमाम जानकारियां दी जाएंगी. मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज के साथ-साथ रिकॉडेड मैसेज भी मिलेंगे. शुरू में 25 किसानों को ड्रोन से छिड़काव करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. किसानों को मंडी के भाव से लेकर नई तकनीक तथा सरकार की योजनाओं के बारे में भी किसानों को जानकारी दी जाएगी.

Tags: Bihar News, Gaya news

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