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Gaya News: मिलिए बिहार के सबसे तेज टेलर से, फ्रांस में आयोजित टेलरिंग प्रतियोगिता में जीता मेडल

शमीम आलम चलने में अक्षम हैं.

शमीम आलम चलने में अक्षम हैं.

फ्रांस में आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय एबिलिम्पिक्स प्रतियोगिता में भारत 7 मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. यह अब तक का सब ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट-कुंदन कुमार

गया. फ्रांस में आयोजित 10 वें अंतर्राष्ट्रीय एबिलिम्पिक्स प्रतियोगिता में भारत ने 7 मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. यह अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है. 23 से 26 मार्च तक हुई प्रतियोगिता में 13 दिव्यांगजनों ने देश का प्रतिनिधित्व किया. अलग-अलग स्किल्स-आधारित प्रतियोगिताओं में इन 13 लोगों ने 7 मेडल जीते, जिसमें एक गोल्ड, दो सिल्वर, तीन ब्रॉन्ज और एक एक्सीलेंस अवार्ड भारत की झोली में आया है.

गया के कटारी हील इस्लामगंज के रहने वाले 36 वर्षीय मो. शमीम आलम अपने टेलरिंग का हुनर फ्रांस में दिखाते हुए एबिलंपिक्स प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया. मो. शमीम मात्र एक अंक से सिल्वर से पिछड़ गए. इस प्रतियोगिता में 95 अंकों के साथ चीन के प्रतिभागी ने सिल्वर पदक जीता. वहीं शमीम ने 94 अंक के साथ कास्य पदक जीता. फ्रांस के खिलाड़ी ने 98 अंक के साथ प्रथम स्थान पर रहकर गोल्ड अपने नाम किया.

भारत के 13 लोग प्रतियोगिता में हुए थे शामिल

फ्रांस में हुई इस प्रतियोगिता में विभिन्न स्पर्धा के लिए 13 लोग गये थे. जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया. इनमें से शमीम गया के ही नहीं, बल्कि बिहार राज्य के एकलौता खिलाड़ी हैं. शमीम ने बताया कि टेलरिंग में 25 देशों के प्रतिभागी शामिल हुए. यह प्रतियोगिता छह घंटे तक चली. स्पर्धा में जवाहर कोट निर्धारित समय में सिलाई करनी थी. प्रतियोगिता के बीच में ही मशीन की सुई टुट गई. अगर सुई नहीं टुटती तो स्वर्ण पदक जीत सकता था.क्योंकि सुई टुटने पर 5 अंक कट जाते हैं. उन्होंने बताया कि फ्रांस जाने से पहले 2 साल तक दिल्ली में प्रशिक्षण मिला.

जानें शमीम के सफर के बारे में

शमीम ने बताया कि सबसे पहले वर्ष 2009 में रिजनल व कोलकाता में नेशनल में भाग लिया था.दोनों जगह पहली बार ही गोल्ड हासिल किया.उसके बाद वर्ष 2010 में जब्लपुर में गोल्ड जीता. वर्ष 2011 में दक्षिण कोरिया गया, जहां प्रतियोगिता में आठवें नम्बर पर रहा. 2012 में भुवनेश्वर में रिजनल में गोल्ड हासिल किया.2013 में चंडीगढ़ में गोल्ड जीता. इसके बाद वर्ष 2016 में फ्रांस गया.जहां पांचवें नंबर पर आया. 2019 में कोलकाता में रिजनल व दिल्ली में नेशनल में गोल्ड जीता. इसके बाद फ्रांस में हुई. इस प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया था.

यह प्रतियोगिता दिव्यांगों को देती है मंच

बताते चलें कि ये प्रतियोगिता दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता पैदा करना और उनकी स्किल्स को एक मंच देने का सबसे बड़ा अवसर है. वर्ल्डस्किल्स फ्रांस के साथ साझेदारी में फ्रांस एबिलिम्पिक्स एसोसिएशन ने इस प्रतियोगिता को आयोजित किया था. इसमें 25 देशों के लगभग 458 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. 23 से 26 मार्च तक हुई प्रतियोगिता में 13 दिव्यांगजनों ने देश का प्रतिनिधित्व किया. अलग-अलग स्किल्स-आधारित प्रतियोगिताओं में इन 13 लोगों ने 7 मेडल जीते, जिसमें एक गोल्ड, दो सिल्वर, तीन ब्रॉन्ज और एक एक्सीलेंस अवार्ड भारत की झोली में आया है.

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