कुंदन कुमार
गया. आमतौर पर स्तनों में गांठ को ही ब्रेस्ट कैंसर का मुख्य लक्षण माना जाता है. मगर महिलाओं में ऐसे कई दूसरे संकेत भी दिखाई देते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर की ओर इशारा करते हैं जिनके बारे में अक्सर लोगों को नहीं पता होता है. ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाली एक प्रमुख बीमारी के रूप में उभरा है. दुनियाभर में कैंसर के कारण होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के कारण मरती हैं. दरअसल ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मामलों में तीसरे या चौथे स्टेज पर पहुंचने पर लक्षण दिखाई देते हैं. ऐसे में इलाज मुश्किल हो जाता है और खतरे बढ़ जाते हैं. बता दें कि गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में इसका इलाज संभव हो गया है. हाल के दिनों में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक महिला का सफल ऑपरेशन भी किया गया है.
खराब लाइफस्टाइल और डाइट भी है जिम्मेदार
सेहत के प्रति लापरवाही का ही नतीजा है कि मौजूदा दौर में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है.ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है.जिसके लिए खराब लाइफस्टाइल और खराब डाइट जिम्मेदार है. महिलाओं की बॉडी में ब्रेस्ट का काम टिश्यू से दूध बनाना होता है. ये टिश्यू सूक्ष्म वाहिनियों के जरिए निप्पल से जुड़े होते हैं. जब ब्रेस्ट के टिश्यू में गांठ बनती है तब कैंसर बढ़ने लगता है. ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की अगर समय पर जांच कर ली जाए तो जान को बचाया जा सकता है.
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर एक भयावह बीमारी बन चुकी है. जिसका समय पर इलाज नहीं मिलने पर महिला की मौत भी हो सकती है. दरअसल कई बार महिलाओं को इसके शुरुआती लक्षण का पता नहीं चल पाते है और बाद में स्थिति खराब होने लगती है.
ऐसे कर सकते हैं पहचान
गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक और शल्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ अनिल कुमार चौधरी बताते है ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हम कई तरह से कर सकते है. ब्रेस्ट कैंसर से पीडित मरीज के ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना. दबाने पर इस गांठ में दर्द नहीं होता है. ब्रेस्ट के साइज में परिवर्तन होना. ब्रेस्ट के निप्पल से लिक्विड निकलना. अंडरआर्म वाली जगह पर सूजन या गांठ होना. ब्रेस्ट निप्पल्स का लाल या ज्यादा काला होना आदि है.
इन्होंने बताया जिन महिलाओं में मोटापाहोता है. कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो जाते हैं. मेनोपॉज में देरी होता है.जिन्हें बच्चा पैदा करने में मुश्किल आती है. जो महिलाएं अपनेबच्चे को स्तनपान नहीं कराती. बिना डॉक्टर की सलाह के हार्मोन्स का सेवन करती हैं. धूम्रपान करने वाली महिला या फिर शराब का सेवन करने वाली महिलाओ मे ब्रेस्ट कैंसर की संभावना अधिक रहती है.
ऐसे मरीज जिनके फैमिली हिस्ट्री है और उनके परिवार को पहले ब्रेस्ट कैंसर हुआ है उन्हें हर साल स्क्रीनिंग कराना चाहिए. शुरूआती स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर के मरीज सौ प्रतिशत तक ठीक हो सकते हैं. इस तरह के मामले आने पर तुरंत चिकित्सकों से संपर्क करें.
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