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Women Success Story: पापड़ ने संवार दी बोधगया की इन महिलाओं की जिंदगी, सीखें घर बैठे पापड़ बनाना

बोधगया की महिलाएं डे एनयूएलएम से जुड़कर भारत सरकार के एसडीआरसी से प्रशिक्षण प्राप्त कर पापड़ बनाने का व्यवसाय कर रही है ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: कुंदन कुमार

गया: महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना शुरू की है. इसके तहत महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में बोधगया की महिलाओं ने डे एनयूएलएम से जुड़कर भारत सरकार के एसडीआरसी से प्रशिक्षण प्राप्त कर पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू किया है. महिलाओं का यह व्यवसाय अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. उनका पापड़ बोधगया से निकल कर गया के बाजारों में भी छाने लगा है.

इस व्यवसाय से महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है. बोधगया के बापू नगर की महिलाओं ने गंगा स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर इस व्यवसाय को शुरू किया है. इसमें 10 महिलाएं शामिल हैं. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की तरफ से उन्हें 10 हजार रुपये का आरएफ दिया गया है, ताकि इस व्यवसाय को और बढ़ाया जा सके. आज यहां की महिलाएं रोजाना 10 से 12 पैकेट पापड़ तैयार कर रही हैं. इससे इन्हें 100 रुपये तक आमदनी प्रतिदिन हो रही है. गंगा पापड़ के नाम से पापड़ की बिक्री की जाती है. इसमें पांच पीस का एक पैकेट तैयार होता है. इस पैकेट की कीमत 12 रुपये है. एक पैकेट पापड़ तैयार करने में लगभग 6-8 रुपये खर्च आता है.

रोजाना 80-100 रुपये मुनाफा
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि इनका पापड़ का व्यवसाय बहुत बढ़िया चल रहा है. उसकी डिमांड बोधगया, दोमुहान के अलावे गया शहर में भी हो रही है. रोजाना 80-100 रुपये का मुनाफा हो जाता है. इन्होंने एसडीआरसी और आईआईई से प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिसमें डे एनयूएलएम की तरफ से सहयोग मिला है. महिलाओं ने बताया कि पिछले महीने बोधगया में लगे बौद्ध महोत्सव में इनकी पापड़ की खूब बिक्री हुई थी. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी उनकी सराहना की थी.

आप भी घर बैठे बना सकती हैं पापड़
अगर घर बैठे आप भी पापड़ बनाना चाहती हैं तो इसके लिए पापड़ को तैयार करने में मूंग दाल और उड़द दाल का इस्तेमाल होता है. इसमें काली मिर्च, नमक, मीठा सोडा, हींग और जीरा मिलाकर इसे पानी से गूंथा जाता है. अच्छी तरह गूंथने के बाद इसे छोटे-छोटे लोई काटकर बेल लें. फिर हवा में रख दें या हल्की धूप में इसे सुखा लें. इसके बाद आपका पापड़ तैयार हो गया.

Tags: Bihar News, Gaya news, Women Empowerment

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