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बिहार: गोपालगंज के 100 से अधिक गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी, प्रशासन ने दो जगहों पर काटा सत्तरघाट महासेतु एप्रोच पथ

इसी तरह पटना के हाथीदह में गंगा नदी अब तक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ चुकी है. (सांकेतिक फोटो)

इसी तरह पटना के हाथीदह में गंगा नदी अब तक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ चुकी है. (सांकेतिक फोटो)

Bihar News: गोपालगंज में सत्तर घाट और बंगरा घाट महासेतु के बनने के बाद इस इलाके में पानी का निकलने का रास्ता संकीर्ण हो ...अधिक पढ़ें

गोपालगंज. नेपाल में लगातार हो रही बारिश के बाद वाल्मीकि नगर बराज से बुधवार को 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. यह पानी अब तेजी से गोपालगंज के गांवों में पहुंचने लगा है. चानक आई बाढ़ से करीब एक सौ से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं जिसकी वजह से सैकड़ों गांवों से लोगों का पलायन जारी है. गंडक के लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है. जिला प्रशासन ने भी हाई अलर्ट जारी किया है और लोगों से तटबंधों के अंदर बसे ग्रामीणों को बाहर निकलने की अपील की है.

गोपालगंज की नदियों में जलस्तर के बढ़ते दबाव की वजह से तटबंधों पर भी खतरा बढ़ गया है. सदर प्रखंड के आधा दर्जन से ज्यादा पंचायत बाढ़ से घिर गए हैं. इसके अलावा मांझागढ़, बैकुंठपुर, सिधवलिया प्रखंड के निचले इलाकों के सैकड़ों गांव के लोग बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित ऊंचे स्थलों की तरफ निकल रहे हैं. सदर प्रखंड के मंगुरहा गांव में कैसे लोगो का पलायन जारी है. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग अपने जरूरी सामान को लेकर गांवों से बाहर निकल रहे हैं.

दरसअल गोपालगंज में पिछले साल गंडक के दबाव से सारण बांध दस जगहों पर सारण और रिंग बांध टूटा था. जिससे गोपालगंज के अलावा सिवान और सारण में बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी. इस बार भी वाल्मीकि नगर बराज से छोड़ा गया चार लाख क्यूसेक पानी जैसे-जैसे गोपालगंज की तरफ बढ़ रहा है. तटबंधों पर दबाव भी बढ़ने लगा है.

गोपालगंज प्रशासन ने बाढ़गस्त गांवों के लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है.

इस बीच जिला प्रशासन के द्वारा तटबंधों पर दबाव को कम करने को लेकर ऐहतियातन पिछले साल बनाए गए सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच पथ को दो जगह पर काट दिया गया है. करीब 10 मीटर के दायरे में काटे गए इस एप्रोच पथ से गंडक के पानी का डिस्चार्ज तेज करने का प्रयास किया जा रहा हैताकि बैकुंठपुर के इस इलाके में सारण बांध पर दबाव कम हो सके.जिससे तटबन्ध के टूटने का खतरा भी कम हो सके.

दरअसल वाल्मीकि नगर बराज से करीब 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी कुछ घंटे में गोपालगंज से क्रॉस करेगा. गोपालगंज में सत्तर घाट और बंगरा घाट महासेतु के बनने के बाद इस इलाके में पानी का निकलने का रास्ता संकीर्ण हो गया है. जिसकी वजह से तटबंध के टूटने का खतरा बढ़ गया है.

इसी को लेकर पथ निर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग की निगरानी में कल रात दो जगहों पर सत्तरघाट महासेतु के अप्रोच पथ को काट दिया गया है. डीएम के आदेश पर इस महासेतु के परिचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. अब लोग बंगरा घाट पुल से सफर करेंगे.

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