शौर्य चक्र पाने वाले सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट विक्की पांडेय
जमुई. सीआरपीएफ में तैनात जमुई जिला के लाल ने राष्ट्रीय स्तर पर अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीरता का परचम लहराया है. जिले के बरहट प्रखंड के मलयपुर गांव के रहने वाले विक्की कुमार पाण्डेय जो कि सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट के पद पर हैं उन्हें राष्ट्रपति वीरता के सर्वोच्च सम्मान शौर्य चक्र मिला है, जल्द ही दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सरकार शौर्य चक्र मेडल से सम्मानित करेगी.
विक्की पांडेय को झारखंड में नक्सलियों से मुठभेड़ में अदम्य वीरता दिखाने के लिए यह सर्वोच्च सम्मान मिल रहा है. नक्सलियों से मुठभेड़ करने वाली कोबरा कमांडो टीम का नेतृत्व खुद विक्की पाण्डेय कर रहे थे. जानकारी के अनुसार कोबरा और नक्सलियों का भीषण मुठभेड़ झारखंड राज्य के गुमला जिले में साल 2021 में 15 जुलाई को हुई थी. इस मुठभेड़ में 15 लाख इनामी कुख्यात नक्सली बुद्धेश्वर उरांव, बिहार रीजनल कमिटी मेम्बर को मार गिराया गया था. एनकाउंटर के दौरान विक्की पांडेय घने जंगल में लगभग सात किलोमीटर तक नक्सलियों को खदेड़ते रहे और भारी नुकसान पहुंचाया. यहां से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला बारूद भी बरामद किए गए थे.
गुमला के जंगल मे विक्की पाण्डेय 209 कोबरा कमांडो टीम का नेतृत्व कर रहे थे. गुमला के जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान कोबरा कमांडो टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. विक्की कुमार पांडेय की शिक्षा जमुई के केकेएम कॉलेज में ही हुई थी. साल 2009 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर सीआरपीएफ में विक्की पांडेय सहायक कमांडेंट बने थे. वर्तमान में इनकी तैनाती ग्रुप केंद्र जमशेदपुर में है.
विक्की पांडेय को देश सेवा करने की प्रेरणा अपने पिताजी से ही मिली है. इनके पिता रामाकांत पाण्डेय बिहार पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी हैं. उन्होंने बताया कि विक्की को मिला यह सम्मान जिले के युवाओं को प्रेरित और उत्साहित कर रहा है. जमुई के इस लाल को वीरता का शौर्य चक्र सम्मान मिलने से पूरे जिले में खुशी की लहर है, जहां के युवाओं के लिए देश की सेवा करने में जुटे विक्की पांडे प्रेरणा स्रोत और आदर्श बनते दिख रहे हैं.
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