सिमुलतला आवासीय विद्यालय का इंटर परीक्षा परिणाम लगातार दूसरे साल भी निराशाजनक.
जमुई. बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा परिणाम में टॉपर्स की फैक्ट्री कहे जाने वाले सिमुलतला आवासीय विद्यालय को लगातार दूसरे वर्ष भी निराशा हाथ लगी है. जमुई जिले की सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र इस साल भी टॉप टेन में जगह नहीं बना सके हैं. बता दें कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर खुले इस स्कूल के छात्र 2017 से इंटर की परीक्षा में बैठ रहे हैं. तब से 2021 तक इस स्कूल के छात्र या तो टॉपर होते थे, नहीं तो टॉप फाइव में अवश्य ही स्थान पाते थे, लेकिन इस स्कूल को लगातार दूसरे साल भी मायूसी हाथ लगी है.
मंगलवार को जब इस साल बिहार बोर्ड का इंटर का रिजल्ट आया तो पिछले साल की तरह ही इस स्कूल को निराशा हाथ लगी. परीक्षा परिणाम आने के बाद सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र और शिक्षक स्कूल में रेगुलर टीचर का अभाव के साथ-साथ मूल्यांकन प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. परीक्षा परिणाम आने के बाद यहां पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि टॉपर की कॉपी को डिस्प्ले किया जाए.
इंटर का रिजल्ट आने के बाद अब सिमुलतला आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र खुला चैलेंज करते हुए मांग कर हैं कि बिहार बोर्ड टॉपर की कॉपी डिस्प्ले करे. यहां के छात्रों ने कहा है कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र राजनीति के शिकार हो रहे हैं. अगर ऐसा नहीं है तो बिहार बोर्ड टॉप टेन में शामिल बच्चों के उत्तर पुस्तिका को सार्वजनिक रूप से डिस्प्ले करवा दे.
बता दें कि इस बार विद्यालय से 39 छात्र-छात्राएं इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल हुए थे. छात्रों का दावा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सिमुलतला के छात्र-छात्राओं के उत्तर पुस्तिका एवं टॉप टेन में शामिल बच्चों के उत्तर पुस्तिका के बीच तुलना कर ले. लगातार दो साल से इंटर की परीक्षा में टॉप या टॉप फाइव में सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्रों का स्थान नहीं होने पर यहां पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि ये लोग सबसे पहले शिक्षकों की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां कई विषयों के नियमित शिक्षक वर्षों से नहीं हैं. एडहॉक और गेस्ट टीचर के भरोसे पढ़ना पड़ता है.
छात्रों ने यह भी कहा कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती है और परीक्षा में बच्चे उसी माध्यम में उत्तर लिखते हैं. लेकिन, हिंदी माध्यम के शिक्षकों से हमारी उत्तर पुस्तिका का भी मूल्यांकन कराया जाता है. ऐसे में छात्रों का बेहतर प्रदर्शन नहीं होता. कई छात्रों का साफ कहना था कि इनके स्कूल के छात्रों के कॉपी का मूल्यांकन इंग्लिश मीडियम के शिक्षकों से ही करवाना चाहिए.
सिमुलतला आवासीय विद्यालय के उप प्राचार्य सुनील कुमार ने कहा कि बच्चों ने जो भी कहा है, वह काफी हद तक सही है. हालांकि, हमारी मंशा हिंदी मीडियम के शिक्षकों की योग्यता पर सवाल उठाने की नहीं है, परंतु इंग्लिश मीडियम में जो बच्चे कॉपी लिखते हैं, उनके कॉपी का मूल्यांकन इंग्लिश मीडियम के शिक्षकों के द्वारा ही करवाना चाहिए.
प्राचार्य का कहना है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व सचिव राजमणि के कार्यकाल में सिमुलतला आवासीय विद्यालय की कॉपी का मूल्यांकन इंग्लिश मीडियम के शिक्षक से अलग से कराया जाता था. लेकिन, बीते 3 वर्षों से इसे स्कूल के कॉपी का मूल्यांकन दूसरे स्कूलों की तरह सामान्य ढंग से कराई जा रही है.
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