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बिहार: 109 साल की यात्रा पूरी कर भी यात्रियों के लिए स्पेशल है पंजाब मेल, ब्रिटिश राज में झाझा से कलकत्ता पहुंचाती थी गुलाब

पंजाब मेल ने 109 साल का सफर पूरा किया.

पंजाब मेल ने 109 साल का सफर पूरा किया.

Jamui News: आजादी के पहले यह ट्रेन पेशावर से हावड़ा तक चलती थी. लेकिन, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अमृतसर से हावड़ा की बीच ...अधिक पढ़ें

जमुई. दानापुर - हावड़ा रेल खंड पर हर दिन गुजरने वाली ट्रेन अमृतसर- हावड़ा एक्सप्रेस भारतीय रेल के इतिहास को बता रही है. यह ट्रेन इस साल 1 जून को अपनी 109 साल की यात्रा तय कर 110 वें साल में प्रवेश कर गई है. भारतीय रेल के इस सबसे पुरानी ट्रेन का ठहराव जमुई जिले के झाझा में 1925 में शुरू हुआ था. बताया जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत में ईस्ट इंडिया रेलवे का चैयरमेन कोलकाता में बैठते थे तो उनके आफिस को सजाने के लिए ताजा गुलाब का फूल इसी ट्रेन से झाझा से जाता था. तब झाझा इलाके में गुलाब की खेती खूब होती थी.

ब्रिटिश काल के इतिहास को ताजा करने वाली इस ट्रेन का मतलब समय के साथ बदल गया. कालांतर में बदलते समय के साथ झाझा से अब इस पंजाब मेल से गुलाब का फूल कोलकाता नहीं जाता. बीतते समय के साथ यहां गुलाब के फूल की खेती भी बंद हो गई, लेकिन गुलाब के लिए जिस ट्रेन का ठहराव दशकों पहले हुआ था, वो आज भी जारी है.

झाझा से कलकत्ता जाती थी गुलाब
दरअसल आजादी के पहले यह ट्रेन पेशावर से हावड़ा तक चलती थी. लेकिन, स्वतंत्रता प्राप्ति  के बाद अमृतसर से हावड़ा की बीच चलने वाली यह ट्रेन 109 साल की हो चुकी है. 1912 से चलने वाला यह ट्रेन झाझा में 1925 से रुकना शुरू हुआ. जमुई जिले के झाझा के लोगो का कहना है कि आजादी के पहले 1925 में इस ट्रेन का यहां ठहराव की शुरुआत कोलकाता में रेल के चेयरमैन के आफिस को सजाने को लेकर ताजा गुलाब ले जाने के लिए हुआ था.

न गुलाब रहे और न अंग्रेजों का दौर
झाझा जो रेल नगरी से भी जाना जाता है. यहां के 38 साल नौकरी के बाद रिटायर रेलकर्मी शिव शंकर राम की माने तो अंग्रेजी हुकूमत के अधिकारियों के लिए ताज़ा गुलाब को कलकत्ता पहुंचे इस कारण पंजाब मेल का ठहराव शुरू हुआ, पहले इस इलाके में बड़े पैमाने गुलाब के फूल की खेती होती थी जो अब पूरी तरह बंद हो गई है.

तेज रफ्तार, कम स्टॉपेज
झाझा के ही राजेश कुमार और संजय वर्णवाल कहते हैं कि अब भी यह ट्रेन महत्त्वपूर्ण है, तेज रफ्तार और कम स्टोपेज के कारण लोग इसे खूब पसंद करते हैं. भले ही अब गुलाब का फूल कोलकाता नहीं जाता, लेकिन पंजाब हरियाणा मजदूरी करने वाले लोग इस ट्रेन से खूब जाते हैं. आज भी ट्रेन जब रात में झाझा स्टेशन पर आती है तो इसकी सिटी से ही पहचान हो जाती है.

Tags: Bihar News, Indian railway, Jamui news, Train

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