कैमूर में पेयजल लेकर टैंकर आया तो लोगों की लंबी कतार लग गई.
कैमूर. कैमूर से हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आ रही है, जहां शहर से लेकर गांव तक पीने के पानी को लेकर हाहाकार की स्थिति है. महिलाओं और युवतियों को सुबह-शाम हैंडपंप और टैंकरों के सामने एक घड़ा पानी भरने के लिए लाइन लगानी पड़ रही है. उनके साथ छोटे बच्चे भी धूप में तप रहे हैं. तब कहीं जाकर परिवार का कंठ तर हो पा रहा है. जिनपर पानी की व्यवस्था का दायित्व है, वे ओवरहेड टंकी, टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट (टीटीएसपी) और हैंडपंप तक ठीक नहीं करा रहे हैं. कहीं मोटर खराब हैं, तो कहीं हैंडपंपों से पानी नहीं निकल रहा है.
हालांकि सरकार की महत्त्वाकांक्षी नल जल योजना भी इस सूखे में लोगों का गला तर नहीं कर पा रहा है. बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे कैमूर के सलथुआ पंचायत स्थित रतिचक गांव के लोगों ने जब टैंकर से पानी मंगाया तो काफी तादाद में महिलाएं, बुजुर्ग, छोटे-छोटे बच्चे घर से बर्तन लेकर पानी के टैंकर तक पहुंचे. ऐसी स्थिति में गांव के लोगों को नाप-नाप कर पानी दिया गया, ताकि सभी घरों तक पीने का पानी पहुंच जाए.
पानी का संकट इतना गहरा गया है कि लोगों को हलक तर करने के लिए दूरदराज से पानी लाना पड़ रहा है. यह स्थिति तब है जब सरकार की महत्त्वाकांक्षी नल जल योजना पंचायत के सभी वॉर्डों में लगी है. यही नहीं, पीएचईडी विभाग ने कई चापाकल लगाए हैं. लेकिन ये चापाकल 150 और 200 फिट बोरिंग की जगह मात्र 80 फीट बोरिंग करके चापाकल लगा दिया जा रहा है. यही कारण है कि भूजल स्तर 80 फीट से नीचे जाते ही चापाकल ने हाथ खड़े कर दिए.
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