बड़ी साजिश! कटिहार में गिरफ्तार पांच अफगानी नागरिकों में से एक के पास थी LIC पॉलिसी, जानें पूरा माजरा

कटिहार में बड़ी विदेशी साजिश का खुलासा.
पूरी पॉलिसी में दो बातें बड़ी ही चौंकाने वाली हैं. सूत्र के हवाले से जानकारी मिली है कि जो दस्तावेज पॉलिसी के लिए एलआईसी (LIC) को दिए गए उनमें शेरगुल का कोई फोटो नहीं है. दूसरा यह कि इसके एजेंट ने 2009 में ही काम छोड़ दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 10:53 PM IST
कटिहार. पांच अफगानी नागरिकों के गिरफ्तारी (Five Afghan civilians arrested) के एक महीना बाद अब 'न्यूज़ 18' के हाथ एक ऐसा दस्तावेज लगा है, जिससे साबित होता है इन पांचों विदेशी नागरिकों में से एक मोहम्मद शेरगुल के नाम भारत के सबसे प्रतिष्ठित बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) में भी अपने नाम की पॉलिसी थी. 28 नवंबर साल 2007 को पॉलिसी संख्या 524052249 के बारे सूत्र के हवाले से जानकारी मिली है ये पॉलिसी 2027 मैं मैच्योर होने वाली थी. मिली जानकारी के अनुसार ये बीमा पॉलिसी (insurance policy) को 5922 प्रतिवर्ष के क़िस्त पर खोली गयी थी और इसकी सम एश्योर्ड राशि लगभग एक लाख मिलने वाली थी.
हालांकि मिली जानकारी के अनुसार 2016 से यह पॉलिसी नॉन ऑपरेटिंग है. इस पॉलिसी में दिए गए विवरण के आधार पर अफगानी नागरिक शेर गुल ने अपना जन्म स्थान गुवाहाटी बताया है और इसका नॉमिनी उनके पिता 75 साल के रहीम खान को बनाया है. पॉलिसी में दिए गए विवरण के आधार पर 16.10.1971 में जन्मे शेरगुल ग्रेजुएट है. हालांकि चौधरी मोहल्ला से गिरफ्तार शेरगुल का पता इस दस्तावेज में कटिहार नगर थाना क्षेत्र के श्यामा टॉकीज दिल्ली दिया गया है.
पूरी पॉलिसी में दो बातें बड़ी ही चौंकाने वाली हैं. सूत्र के हवाले से जानकारी मिली है कि जो दस्तावेज पॉलिसी के लिए एलआईसी (LIC) को दिए गए उनमें शेरगुल का कोई फोटो नहीं है. दूसरा यह कि इसके एजेंट यानि अभिकर्ता विजय कुमार सिंह ने 2009 में ही काम छोड़ दिया है.
पूरे मामले पर कटिहार एलआईसी शाखा के प्रबंधक प्रिय बंधु ठाकुर कहते हैं कि कोई भी विदेशी नागरिक एलआईसी में अपनी पॉलिसी नहीं खुलवा सकता है. अगर ऐसा हुआ है तो इस पर अवश्य जांच की जाएगी. हालांकि आधिकारिक रूप से अब तक उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार इन पांचों नागरिकों में से एक के पास एलआईसी पॉलिसी होना जांच का विषय है. यह भी पता लगाया जाना जरूरी है कि एलआईसी पॉलिसी के सहारे ये लोग आगे अपना भारतीय नागरिकता प्रमाण करते हुए कौन सी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे. इस पर भी जांच एजेंसियों को जरूर पड़ताल करनी चाहिए.
हालांकि मिली जानकारी के अनुसार 2016 से यह पॉलिसी नॉन ऑपरेटिंग है. इस पॉलिसी में दिए गए विवरण के आधार पर अफगानी नागरिक शेर गुल ने अपना जन्म स्थान गुवाहाटी बताया है और इसका नॉमिनी उनके पिता 75 साल के रहीम खान को बनाया है. पॉलिसी में दिए गए विवरण के आधार पर 16.10.1971 में जन्मे शेरगुल ग्रेजुएट है. हालांकि चौधरी मोहल्ला से गिरफ्तार शेरगुल का पता इस दस्तावेज में कटिहार नगर थाना क्षेत्र के श्यामा टॉकीज दिल्ली दिया गया है.
पूरी पॉलिसी में दो बातें बड़ी ही चौंकाने वाली हैं. सूत्र के हवाले से जानकारी मिली है कि जो दस्तावेज पॉलिसी के लिए एलआईसी (LIC) को दिए गए उनमें शेरगुल का कोई फोटो नहीं है. दूसरा यह कि इसके एजेंट यानि अभिकर्ता विजय कुमार सिंह ने 2009 में ही काम छोड़ दिया है.
पूरे मामले पर कटिहार एलआईसी शाखा के प्रबंधक प्रिय बंधु ठाकुर कहते हैं कि कोई भी विदेशी नागरिक एलआईसी में अपनी पॉलिसी नहीं खुलवा सकता है. अगर ऐसा हुआ है तो इस पर अवश्य जांच की जाएगी. हालांकि आधिकारिक रूप से अब तक उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार इन पांचों नागरिकों में से एक के पास एलआईसी पॉलिसी होना जांच का विषय है. यह भी पता लगाया जाना जरूरी है कि एलआईसी पॉलिसी के सहारे ये लोग आगे अपना भारतीय नागरिकता प्रमाण करते हुए कौन सी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे. इस पर भी जांच एजेंसियों को जरूर पड़ताल करनी चाहिए.