रिहा कराए गए नौ बच्चे, चार दलाल गिरफ्तार

किशनगंज रेलवे स्टेशन से बुधवार को नौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। पुलिस बताया कि इन बच्चों को मजदूरी कराने के लिए बेंगलुरूले जाया जा रहा था।
किशनगंज रेलवे स्टेशन से बुधवार को नौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। पुलिस बताया कि इन बच्चों को मजदूरी कराने के लिए बेंगलुरूले जाया जा रहा था।
- ETV Bihar/Jharkhand
- Last Updated: February 25, 2015, 5:42 PM IST
किशनगंज रेलवे स्टेशन से बुधवार को नौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। पुलिस बताया कि इन बच्चों को मजदूरी कराने के लिए बेंगलुरूले जाया जा रहा था।
राष्ट्रीय आपातकालीन मुफ्त फोन 'चाइल्ड लाइन' पर फोन करके किसी ने बच्चों के बारे में सूचना दी। स्थानीय पुलिस और जीआरपी की टीम ने तत्काल रेलवे स्टेशन पर छापेमारी कर बाल मजदूरों को रिहा करा लिया। पुलिस ने चार दलालों को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि गैंग का सरगना मौके से भागने में सफल रहा।
रिहा कराए गए सभी बच्चे अररिया के हैं, जिन्हें दलालों ने मोटी कमाई का लालच देकर साड़ी फैक्ट्री में काम दिलवाने के लिए ले बेंगलुरू ले जा रहा था।
बाल मजदूरों को काम दिलवाने के बदले दलाल उनके परिवार से कमीशन के तौर पर दो से तीन हजार रुपए तक वसूल लेते हैं। पिछड़ा और गरीब इलाका होने के कारण, दलाल ग्रामीण इलाके से बच्चों को बाहर कमाने के लिए मजदूरी के नाम पर पैसे का लालच देकर मां-बाप को फंसाते हैं। बाद में बच्चों को बाहर ले जाकर कई तरह की यातनाएं दी जाती है।जानकारों की मानें तो मानव व्यापार के आलावा अंग व्यापार में भी ऐसे बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।
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राष्ट्रीय आपातकालीन मुफ्त फोन 'चाइल्ड लाइन' पर फोन करके किसी ने बच्चों के बारे में सूचना दी। स्थानीय पुलिस और जीआरपी की टीम ने तत्काल रेलवे स्टेशन पर छापेमारी कर बाल मजदूरों को रिहा करा लिया। पुलिस ने चार दलालों को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि गैंग का सरगना मौके से भागने में सफल रहा।
रिहा कराए गए सभी बच्चे अररिया के हैं, जिन्हें दलालों ने मोटी कमाई का लालच देकर साड़ी फैक्ट्री में काम दिलवाने के लिए ले बेंगलुरू ले जा रहा था।
बाल मजदूरों को काम दिलवाने के बदले दलाल उनके परिवार से कमीशन के तौर पर दो से तीन हजार रुपए तक वसूल लेते हैं। पिछड़ा और गरीब इलाका होने के कारण, दलाल ग्रामीण इलाके से बच्चों को बाहर कमाने के लिए मजदूरी के नाम पर पैसे का लालच देकर मां-बाप को फंसाते हैं। बाद में बच्चों को बाहर ले जाकर कई तरह की यातनाएं दी जाती है।जानकारों की मानें तो मानव व्यापार के आलावा अंग व्यापार में भी ऐसे बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।
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