पुलिस, BSF और SSB की गश्ती के बावजूद सीमा पर नहीं कम हो रहे अपराध

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बिहार का किशनगंज जिला अंतर्राज्यीय और अंतराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा है. इस कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाले अपराध आए दिन उजागर होते हैं. अपराध को उजागर करने में बिहार पुलिस, एसएसबी और बीएसएफ तीनों की भूमिका होती है. इसके बावजूद किशनगंज से लगी सीमाओं पर क्राइम कम होते नहीं दिखते.
- ETV Bihar/Jharkhand
- Last Updated: January 18, 2018, 1:56 PM IST
बिहार का किशनगंज जिला अंतर्राज्यीय और अंतराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा है. इस कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाले अपराध आए दिन उजागर होते हैं. अपराध को उजागर करने में बिहार पुलिस, एसएसबी और बीएसएफ तीनों की भूमिका होती है. इसके बावजूद किशनगंज से लगी सीमाओं पर क्राइम कम होते नहीं दिखते.
26 सितंबर को बीएसएफ ने दो किलो हेरोइन जब्त किया. 13 नवंबर को 978 ग्राम मेथाक्यूलिन पाउडर 978 और 22 जुलाई को दो किलो हेरोइन और दो किलो गांजा जब्त करने में सुरक्षाबलों को सफलता हाथ लगी.
किशनगंज जिले में सीमावर्ती क्षेत्र से होने वाले अपराधों के ये फाइनल आंकडे नहीं है, बल्कि इस तरह के दर्जनों मामले हैं. तरह-तरह की तस्करी और जब्ती की घटनाओं के साथ तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है. हालात बताते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराध लगातार जारी है. सीमा सुरक्षा से जुड़े सुरक्षाबलों का मानना है कि मानव व्यापार, फर्जी नोट, हथियार आपूर्ति, वन्य जीवों और उत्पादों की तस्करी सहित कई तरह के अपराध इन इलाकों से होती है. भारत-नेपाल सीमा पर तो तस्करी का दैनिक कारोबार होता है जो लघु, मध्य और प्रभावी किस्म में बंटा हुआ है. एसएसबी तस्करों पर लगातार नकेल कसने के दावा भी करती रही है और समय-समय पर कार्रवाई भी करती है.
उधर बांग्लादेश सीमा के सटे इलाके जो बंगाल और किशनगंज के करीब हैं, वहां भी तस्करों की गिरफ्तारी होती रहती है. बीएसएफ का स्थानीय मुख्यालय किशनगंज में ही है और इस कारण बीएसएफ की कार्रवाई की जानकारियां मिलती रहती है. किशनगंज शहर से कुछ किलोमीटर दूर बांग्लादेश सीमा पर होने वाले तस्करी की बात बीएसएफ के अधिकारी भी कबूल करते हैं, लेकिन कबूलने का अंदाज अलग है.इसी क्षेत्र में सुरंग बनाकर बांग्लादेश आने-जाने की एक बड़ी घटना भी पिछले साल ही उजागर हो चुकी है. अपराध को लेकर स्थानीय नागरिकों में भी तरह-तरह की चिंताएं होती है. हर चिंता देश और देश की सुरक्षा और कानून से जुड़ी महसूस होती है. जानकार नागरिक सीमा सुरक्षा कर रहे बलों को हमेशा आगाह रहने और देश विरोधी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील करते रहे हैं.
(आशीष की रिपोर्ट)
26 सितंबर को बीएसएफ ने दो किलो हेरोइन जब्त किया. 13 नवंबर को 978 ग्राम मेथाक्यूलिन पाउडर 978 और 22 जुलाई को दो किलो हेरोइन और दो किलो गांजा जब्त करने में सुरक्षाबलों को सफलता हाथ लगी.
किशनगंज जिले में सीमावर्ती क्षेत्र से होने वाले अपराधों के ये फाइनल आंकडे नहीं है, बल्कि इस तरह के दर्जनों मामले हैं. तरह-तरह की तस्करी और जब्ती की घटनाओं के साथ तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है. हालात बताते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराध लगातार जारी है. सीमा सुरक्षा से जुड़े सुरक्षाबलों का मानना है कि मानव व्यापार, फर्जी नोट, हथियार आपूर्ति, वन्य जीवों और उत्पादों की तस्करी सहित कई तरह के अपराध इन इलाकों से होती है. भारत-नेपाल सीमा पर तो तस्करी का दैनिक कारोबार होता है जो लघु, मध्य और प्रभावी किस्म में बंटा हुआ है. एसएसबी तस्करों पर लगातार नकेल कसने के दावा भी करती रही है और समय-समय पर कार्रवाई भी करती है.
उधर बांग्लादेश सीमा के सटे इलाके जो बंगाल और किशनगंज के करीब हैं, वहां भी तस्करों की गिरफ्तारी होती रहती है. बीएसएफ का स्थानीय मुख्यालय किशनगंज में ही है और इस कारण बीएसएफ की कार्रवाई की जानकारियां मिलती रहती है. किशनगंज शहर से कुछ किलोमीटर दूर बांग्लादेश सीमा पर होने वाले तस्करी की बात बीएसएफ के अधिकारी भी कबूल करते हैं, लेकिन कबूलने का अंदाज अलग है.इसी क्षेत्र में सुरंग बनाकर बांग्लादेश आने-जाने की एक बड़ी घटना भी पिछले साल ही उजागर हो चुकी है. अपराध को लेकर स्थानीय नागरिकों में भी तरह-तरह की चिंताएं होती है. हर चिंता देश और देश की सुरक्षा और कानून से जुड़ी महसूस होती है. जानकार नागरिक सीमा सुरक्षा कर रहे बलों को हमेशा आगाह रहने और देश विरोधी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील करते रहे हैं.
(आशीष की रिपोर्ट)