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Lakhisarai News : गर्मी शुरू होते ही लखीसराय के इस गांव के लोग जल संकट से परेशान, आज भी कुएं से पानी निकाल रहे लोग

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लखीसराय

लखीसराय में सुबह होते ही कुएं पर लगने लगती है पानी के लिए लोगों की भीड़

गर्मी की शुरूआत होने के साथ ही सूर्य की तपिश बढ़ने से लोगों की हलक भी सूखने लगी है. लखीसराय में हाल के दिनों के तापमान क ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – अविनाश सिंह

लखीसराय: गर्मी की शुरूआत होने के साथ ही सूर्य की तपिश बढ़ने से लोगों की हलक भी सूखने लगी है. लखीसराय में हाल के दिनों के तापमान की बात करें तो अभी अधिकतम 37 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया जा रहा है. ऐसे में इंसानों के साथ-साथ अन्य जीव-जंतुओं के लिए हलक की प्यास बुझाने वाली पानी का एक-एक बूंद काफी महत्पूर्ण हो जाता है.

सूबे की सरकार हर घर तक स्वच्छ जल मुहैया करवाने के लिए अपने महत्वकांक्षी योजना में से एक नल जल योजना की शुरूआत कई वर्ष पूर्व की है. जिसके तहत सरकार यह दावा करती है कि इसके द्वारा सूबे के हरेक एक घर तक जल पहुंचा दिया गया है. लेकिन लखीसराय के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत नवका डीह गांव के लोग जिस तरह से जल संकट से जूझ रहे हैं. वो सरकारी दावों का पोल खोलते नजर आ रही है.

सुबह से ही लग जाती है कुएं पर पानी के लिए लोगों की भीड़

यहां के लोगों को सुबह होते पानी की चिंता सताने लगती है. उनके रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर हलक की प्यास बुझाने तक का जरिया पानी को लेकर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब आलम यह है कि सुबह होते हीं लोगों की झुंड जिसमे युवक, युवतियां, बच्चे, महिला और बुजुर्ग शामिल रहते हैं. जो अपने घरों से बाल्टी, केन, डब्बा आदि लेकर कुएं की तरफ कूच कर देते हैं.

क्योंकि पानी के बिना उनके रोजमर्रा का काम का पूरा हो ही नहीं सकता. चाहे हलक का प्यास बुझाना हो, खाना बनाना हो, पशुओं को खिलाना पिलाना हो या फिर अपने भूख मिटाने के लिए खाना बनाना आदि हो इन सभी में पानी की दरकार होती है. हालांकि यहां के लोगों की समस्या बदलते बिहार में विकास की तस्वीर को आईना दिखा चिढ़ा रही है.

दो बस्ती के लोग एक कुएं पर हैं आश्रित

कुएं पर पानी लेने आए राजीव पासवान बताते हैं कि लोगाें को पानी के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पूरे गांव में एक ही कुआं है जिस पर हमलोग आश्रित हैं. यहां पहुंचने के लिए लोगों को लगभग आधे किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.

इसके बाद काफी मशक्कत के बाद पानी लेकर घर जाते हैं. वहीं पानी लेने आई रेखा देवी बताती हैं कि दो बस्ती के लोग इसी कुआं पर आश्रित हैं, लेकिन अभी से ही कुआं का भी पानी कम होने लगा है. जिससे लोगों को अब और डर सताने लगा है कि चैत्र में जब यह हाल है तो बैसाख माह में का क्या होगा.

गांव में जलमीनार बन कर है तैयार

ग्रामीण बताते हैं कि पिछले डेढ़ वर्षों से जलमीनार का निर्माण हो रहा है और अब बन कर तैयार भी है. लेकिन अभी तक गांव वालों को एक बूंद भी इससे जल का नसीब नहीं हुआ है. ऐसे में गांव वालों ने जिला प्रशासन से यह मांग किया है कि जल्द से जल्द जलमीनार से पानी का सप्लाई चालू करवाया जाए. जिससे लोगों के समस्या का निदान हो सके.

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