चैत्र नवरात्र में महाअष्टमी के दिन महागौरी का ध्यान करने से बन जाएंगे बिगड़े काम
अविनाश सिंह
लखीसराय: चैत्र नवरात्र का आरंभ बीते 22 मार्च से हो चुकी है. नवरात्र के प्रत्येक दिन माता के अलग- अलग रूपों की पूजा की जाती है. माता का हर रूप के पूजा का विशेष विधान होता है. वहीं माता के विभिन्न रूपों को अलग-अलग भोग भी प्रिय है. इसलिए भक्त माता के रूपों को ध्यान में रखते हुए विशेष भोग भी लगाते हैं. पूरे नवरात्र के दौरान के दौरान दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व होता है. इसलिए इसे महाष्टमी भी कहते हैं. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी 29 मार्च बुधवार के दिन पर रही है.
इस दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी को पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन पूजा के साथ-साथ कुछ विशेष उपाय करने के भक्तों पर माता की विशेष कृपा बनी रहती है और हर मनोरथ सिद्ध होने के साथ धन धान्य की भी बरसात होती है.
गौर वर्ण के होने के कारण माता का नाम गौरी पड़ा था
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता कठिन तपस्या में तल्लीन थी. इस दौरान उनका पूरा शरीर अत्यंत काला हो गया था. तब जाकर महादेव उनकी तपस्या से अति प्रसन्न हुए और मां के शरीर को गंगा जल से स्वच्छ किया था. तत्पश्चात माता का स्वरूप अंत्यंत सुंदर और गौर वर्ण का हो गया. गौर वर्ण के होने के कारण माता का नाम गौरी पड़ गया था. जो आगे चल कर महा गौरी के नाम से भी प्रसिद्ध हुई.
मां दुर्गा के आठवां स्वरूप जीने के कारण इन्हें आठवीं शक्ति भी कहा जाता है. वेद पुराणों के अनुसार इनके तेज से ही सम्पूर्ण जगत प्रकाशमान है. वहीं दुर्गा सप्तशती में वर्णित कथाओं के जब शुम्भ-निशुम्भ राक्षस के आतंक से लोग त्राही-त्राही करने लगे. तब देवताओं ने गंगा तट पर देवी महागौरी को ही पुकारा था और अपनी सुरक्षा को गुहार लगाई थी. जिसके बाद माता ने चंडिका रूप धारण कर उसका वध किया था और देवताओं को भयमुक्त किया था. माता के इस स्वरूप को अन्नपूर्णा, ऐश्वर्य प्रदायिनी और चैतन्यमयी भी कहा जाता है.
क्या है शक्ति स्वरूपा मां गौरी के पूजन को विधि
प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यक्रम से निवृत होने के बाद स्नान करें. इसके बाद आप स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें अगर पीला वस्त्र नहीं उपलब्ध हो पाता है तो वैसी स्थिति में आप स्वेत वस्त्र भी धारण कर सकते हैं. अब आप मां के सामने दीप और अगरबत्ती जलाएं और पीले या श्वेत पुष्प चढ़ा कर मां का ध्यान करें. वहीं माता के विशेष कृपा पात्र बनने के लिए आप मध्य रात्रि में माता का पूजन करें और माता का ध्यान करते हुए मंत्र माता के बीज मंत्र श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: का 108 बार जाप करें. इस पूजा के दौरान आप माता को नारियल का भोग लगाएं.
करें यह विशेष उपाय बरसेगी मां की विशेष कृपा
मां की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए साधक यह अचूक उपाय करें. हवन के बाद 9 कन्याओं को भोजन करवाएं. मां को लाल रंग का चुनरी में मखाने, बताशे और सिक्का रख कर अर्पित करें. मां के मंदिर में जाकर लाल ध्वज अर्पित करें और किसी सुहागिन श्रृंगार का समान भेंट करें. ऐसा करने से आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होगी और सदैव माता की कृपा आपके साथ साथ आपके परिवार पर बरसती रहेगी.
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Tags: Bihar News, Chaitra Navratri, Durga Pooja
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