12 पूर्णिमाओं में सबसे खास माना जाता है चैत्र पूर्णिमा
अविनाश सिंह
लखीसराय: चैत्र माह हिंदू पंचांग का प्रथम महीना होता है. इस महीने में के पूर्णिमा को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में रहता है, इसलिए इसे चैत्र मास कहते हैं. हिंदू धर्म में यह चैत्र का महीना को अतिशुभ माना गया है. वहीं आयुर्वेदिक सिद्धांत के अनुसार भी इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस माह में प्रकृति के साथ-साथ मौसम में भी कई बदलाव देखने को मिलते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर भक्त मनोवांछित फल की प्राप्ति करते हैं. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग के चैत्र पूर्णिमा को भगवान महादेव के अंशावतार भक्त शिरोमणि राम भक्त हनुमान का जन्म मां अंजनी के गर्भ से हुआ था. इसलिए इसे हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.
चंद्रमा और चित्रगुप्त को भी समर्पित है यह पूर्णिमा
दक्षिण भारतीय मान्यताओं के अनुसार यह पूर्णिमा यमराज के लेखापाल चित्रगुप्त को समर्पित है. वहीं चंद्रमा भी इस दिन अपने सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है, इसलिए अन्य मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोग चंद्रमा की भी पूजा-अर्चना करते हैं और ऐसा मानते हैं कि इस दिन चंद्रमा की पूजा काफी शुभदाई होता है.
शास्त्र में वर्णित लेखों के अनुसार इस पूर्णिमा को चंद्रमा का व्यक्ति पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है. जो मनुष्य को आरोग्य और मानसिक शांति प्रदान करता है. इसलिए इतने सारे संयोग और मान्यताओं को एक साथ समेटने वाला चैत्र पूर्णिमा 12 पूर्णिमाओं में सबसे खास माना जाता है. यह पूर्णिमा दिन बुधवार पांच अप्रैल के प्रातः 9 बजकर 19 से आरंभ होगी और 6 अप्रैल दिन गुरुवार के प्रातः 10 बजकर 4 मिनट पर इसका समापन होगा.
इस विशेष उपाय से मिलेंगे विशेष फायदे
इस दिन व्यक्ति को सर्वप्रथम गंगा स्नान करना चाहिए, जिसके बाद भगवान विष्णु के मछली स्वरूप का ध्यान करना चाहिए. मान्यता है कि अगर कोई जातक ऐसा करता है तो उसे माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. वहीं इस दिन आप भगवान सत्यनारायण की विधिवत कथा का भी श्रवण कर सकते हैं. इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है, इसलिए आप राम भक्त हनुमान का ध्यान करते हुए ‘ ॐ रामदूताय नमः’ का 108 बार जाप करें. ऐसा करने के आपके जीवन में काफी सुख समृद्धि आयेगी.
इस अनोखे उपाय से हो जाएगा मां लक्ष्मी का वास
इस पूर्णिमा के मध्य रात्रि में आप मां लक्ष्मी की विशेष पूजा कर सकते हैं. जिससे माता लक्ष्मी का वास सदैव आपके घर में बना रहेगा और आप धन धान्य से परिपूर्ण रहेंगे. इस उपाय को करने के लिए आपको जरूरत पड़ेगी दीपक, गाय का घी, सूती के लाल कपड़े का टुकड़ा, कपूर और 3 इलायची. मध्यरात्रि को पवित्र होकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर के पास घी का दीपक जलाएं. ध्यान रहे कि इसमें लाल कपड़े के टुकड़े को बाती के रूप में प्रयोग करना है.
हाथ में तीनों इलायची को रख कर दाहिने हाथ को बाएं हाथ से बंद कर लेना है. इसके बाद आप मां लक्ष्मी के साथ-साथ नौ ग्रह का ध्यान कर अपने मन में अपनी मनोकामना को कहें. इसके बाद हाथ की इलायची को मुख्य द्वार पर रखकर कपूर की सहायता से उसे जला दें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी सदैव आपके घर में वास करेगी.
(यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है. न्यूज 18 लोकल इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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