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Lakhisarai News : सखी वन स्टॉप सेंटर बिखरे रिश्तों को सहेजने का कर रहा काम, काउंसिलिंग के साथ-साथ केस भी लड़ रहे

सखी वन स्टॉप सेंटर से महिलाओं और युवतियो को मिल रहा है  लाभ 

सखी वन स्टॉप सेंटर से महिलाओं और युवतियो को मिल रहा है  लाभ 

घरेलू या अन्य अप्रिय समस्याओं से महिला या युवतियां इतना प्रताड़ित महसूस करती हैं की बात आत्महत्या तक पहुंच जाती है. ऐसी ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – अविनाश सिंह

लखीसराय : अब काउंसलिंग के जरिए जिले के वन स्टॉप सखी सेंटर में मौजूद काउंसलर बिखरे रिस्ते को जोड़ने का प्रयास करने में जुटे हैं. समाज में कई ऐसी बालिकाएं और महिलाएं हैं जो किसी न किसी रूप से अपराध का शिकार बनती है.

ऐसी स्थिति के बाद महिला या फिर बालिकाओं की मनोस्थिति काफी बदल जाती है. उसे लगने लगता हैं कि अपनी तकलीफ किसे सुनाऊं, कौन मदद करेगा या फिर कभी-कभी बात आत्महत्या तक पहुंच जाती है. इसके लिए जिले में स्थापित महिला सशक्तिकरण कार्यालय महिला विकास निगम में दो काउंसलर भी मौजूद हैं. जो हमदर्द बनकर पीड़ितों की तकलीफों को सुनती है एवं उनके मनोस्थिति को जानने और समझने का प्रयास करती है.

निजी समस्या सार्वजनिक होने पर मनोस्थिति पर पड़ता है विपरीत प्रभाव

काउंसलर पीड़ित के मनोस्थिति को समझते हुए उन्हें समझाने का प्रयास करती हैं. यहां पीड़ितों की समस्याओं को गोपनीय रखने का पूर्ण रूप से प्रयास किया जाता है. ताकि उनको घरेलू कलह या अन्य समस्याओं के लिए समाज में किसी प्रकार के आलोचनाओं का शिकार नहीं होना पड़े.

क्योंकि काउंसलर यह मानती हैं कि अगर उनकी निजी जिन्दगी से जुड़ी समस्या अगर सार्वजनिक होती है तो उनके मनोस्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. जिससे पीड़ित की मानसिक स्थिति और बिगड़ेगी.

निर्बल नहीं सबल हैं आप यह अहसास कराती है काउंसलर

काउंसलर बताती हैं कि कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है को घरेलू या अन्य अप्रिय समस्याओं से महिला या युवतियां इतनी प्रताड़ित महसूस करती हैं कि बात आत्महत्या तक पहुंच जाती है. ऐसी स्थिति अगर संज्ञान में आता है तो उन्हें काफी सहजता से समझाना पड़ता है और उन्हे यह बोध करना होता है कि आपकी जिंदगी कितनी महत्वपूर्ण है. उनके मनोबल को जगाना पड़ता है.

उन्हें यह अहसास दिलाना होता है कि आप सबल हैं आप निर्बल नहीं है. तब जाकर उनके मनोस्थिति बदलती है और वह सामान्य जिंदगी में पुनः वापस लौटती हैं. उन्होंने बताया की समय-समय पर उनके घर भी जाते हैं और उनसे मिलकर जिंदगी में कितना परिवर्तन हुआ है वह जानने और समझने की कोशिश करते हैं.

न्यायिक और कानूनी सहायता के लिए मौजूद रहता है वकीलों की टीम

काउंसलर ने बताया कि अगर किसी पीड़ित को काउंसलिंग से भी अपने बिखरे रिश्ते जुड़ने के आसार नहीं दिख रहे हैं तो कानूनी सहायता भी ले सकते हैं. इसके लिए यहां 3 वकील भी मौजूद रहते हैं जो पीड़ितों को हर संभावित हल बताते हैं और जरूरत अनुसार सहयता के लिए मुफ्त में उनका मुकदमा भी लड़ते हैं.

आसान शब्दों में कहें तो वन स्टॉप सेंटर (सखी) अंतर्गत सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.

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