बिहार में मधेपुरा जिला से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जो सुशासन के तमाम दावों को धता बताते हुए सरकार और पुलिस महकमें की पोल खोलता है. यहां के चौसा थाना में तैनात एक दारोगा जी को लड़की, लूट की बाइक और पैसे भी चाहिए. नहीं दी गई तो एक परिवार पर 10 महीने में 5 केस ठोक दिए. अब यह पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है.
दरअसल चौसा थाना क्षेत्र के कलासन निवासी योगेन्द्र साह बीते 10 महीने से परेशान हैं. उनका आरोप है कि भूमि विवाद के एक मामला लेकर वह थाना क्या गए पुलिस तो मानो उनके पीछे ही पड़ गई. केस में मदद करने के नाम पर दारोगा गोपेंद्र सिंह की डिमांड बढ़ती चली गई. वो उनसे एक लाख रूपया, एक पिस्टल, एक लूटी बाइक और टाइम पास के लिए लड़की मांग रहा है.
आरोप है कि दरोगा साहब की जब मांग पूरी नहीं हुई तो 6 महीने बाद से परिवार की उल्टी गिनती शुरू हो गई. अप्रैल से जून महीने के बीच परिवार पर 4 केस दर्ज करवा दिए गए. यह भी आरोप है कि केस में परिवार के सभी सदस्यों को फंसा दिया. एक 13 साल के नाबालिग बेटे को तो 19 वर्ष का बता कर केस में नाम दे दिया और उसे जेल भेज दिया. अब पूरा परिवार परेशान है और पुलिस के डर से और खुद के बचाव के सब इधर-उधर भाग रहा है.
बताया जा रहा है कि योगेन्द्र साह से अपनी मांग पूरी करवाने के लिए दारोगा जी ने गांव के ही चन्द्रभूषण यादव नाम के एक व्यक्ति को सेट किया. लेकिन, वो भी उसकी तीन मांग को पूरी नहीं करवा सके. फिर क्या था दरोगा जी कि नज़र चंद्रभूषण पर भी टेढ़ी हो गई.
इस संबंध में जब मीडियाकर्मियों ने एसपी से बात करनी चाही तो उन्होंने ऑफ द रिकॉर्ड मीडियावालों पर ही एफआईआर की धमकी दे डाली. खबर प्रकशित करने वाले एक अख़बार के संवाददाता को एक साथ 3 नोटिस थमा दिया गया.
वहीं, मामले के सामने आने के बाद मधेपुरा से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि बिहार के मां- बाप अपनी बेटी, बहन को बचा लें यही काफी है. उन्होंने ऐसे दारोगा के जल्द गिरफ्तारी की मांग की है. हालांकि न्यूज़ 18 इस ऑडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. लेकिन एक बार जब ऐसे इस तरह के गंभीर मामलों में पुलिस के आलाधिकारियों को त्वरित संज्ञान लेना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : August 31, 2019, 14:03 IST