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Madhepura News : साइबर फ्रॉड होने पर पुलिस थाने नहीं, यहां करें शिकायत जांच के साथ होगी कार्रवाई

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सोशल मीडिया से ली गई फोटो.

मधेपुरा अधिवक्ता संघ के जिला महासचिव संजीव कुमार बताते हैं कि इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए किए ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट-रविकांत कुमार

मधेपुरा. इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल आज हर कोई कर रहा है. लेकिन लापरवाही के कारण आए दिन लोग साइबर अपराधियों के झांसे में फंस जा रहे हैं. ऐसे में आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि साइबर अपराध है क्या और इसका शिकार होने से आप कैसे बच सकते हैं. अगर शिकार हो जाते हैं तो फिर आप इसकी शिकायत कैसे और कहां करें, इन सभी मामलों की आज हम आपको जानकारी दे रहे हैं.

ये कहलाते हैं साइबर अपराध

मधेपुरा अधिवक्ता संघ के जिला महासचिव संजीव कुमार बताते हैं कि इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए किए गए अपराध को साइबर अपराध कहा जाता है. इसमें साइबर अपराधी इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए आपके निजी डेटा के साथ छेड़छाड़ करते हैं. वे आपके जरूरी कागजात और बैंक अकाउंट के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं या फिर आपकी गोपनीयता भंग कर सकते हैं. ऐसे में सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है.

अनजान व्यक्ति को नहीं दें कोई जानकारी

अधिवक्ता संजीव कुमार बताते हैं कि यूजर्स को केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर ही खरीदारी करनी चाहिए. अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी संदिग्ध या अजनबी को कभी न दें. उपयोगकर्ताओं को अपने खातों पर मजबूत पासवर्ड रखना चाहिए. बच्चों पर नजर रखें और उनके द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल को सीमित करें. फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब की सुरक्षा सेटिंग्स की जांच करें और सावधान रहें.

सार्वजनिक वाई-फाई, हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करते समय सचेत रहना चाहिए. इन नेटवर्क पर वित्तीय लेन-देन नहीं करें. अनजान लिंक या अज्ञात फ़ाइल पर क्लिक करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त कर लें. फोन पर किसी भी अनजान को अपने डॉक्यूमेंट्स या बैंक अकाउंट की जानकारी न दें.

शिकार होने पर करें यहां शिकायत

अधिवक्ता संजीव कुमार बताते हैं कि अगर आप साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत इसकी शिकायत साइबर अपराध इकाई के वेबसाइट पर करें या फिर अपने नजदीकी थाना में लिखित आवेदन देकर कर सकते हैं. अगर किसी भी कारण से आपकी शिकायत दर्ज नहीं होती है, तो आप सीधे न्यायालय में भी परिवाद दायर कर सकते हैं.

परिवाद के आलोक में यह मामला जांच के लिए थाना को भेजा जाएगा. जांच प्रतिवेदन आने के बाद उसका ट्रायल शुरू होता है. आपके शिकायत के आधार पर ही साइबर अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई हो पाएगी.

Tags: Bihar News, Madhepura news

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