मधेपुरा. बिहार के मधेपुरा जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक मरीज ने रेलिंग से लटक कर जान दे दी. सुसाइड की खबर फैलते ही पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. अस्पताल प्रबंधन भी सकते में आ गया. अस्पताल में सुसाइड की सूचना मिलते ही मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंच गई. मामले की छानबीन की जा रही है. वहीं, मरीज की मौत से परिजन अस्पताल में रोने-बिलखने लगे. मृतक की पत्नी ने बताया कि गरीबी और बीमारी की वजह से उनके पति ने आत्महत्या कर ली. वहीं, मृतक के छोटे भाई ने इस बाबत सनसनीखेज खुलासा किया है.
जानकारी के अनुसार, मधेपुरा स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक मरीज ने एस-4 बिल्डिंग के 5वें तल पर रेलिंग से लटक कर आत्महत्या कर ली. मृतक मरीज बीते 7 दिनों से अस्पताल में भर्ती था. मृतक का नाम मुन्ना चौधरी (41) बताया जा रहा है. मुन्ना चौधरी सुपौल जिला के पिपरा थाना क्षेत्र के थूमहा गांव के रहने वाले थे. वह लंबे समय से डायबिटीज सहित अन्य बीमारी से पीड़ित थे. मृतक की पत्नी नीलम देवी ने बताया कि एक तो बीमारी ऊपर से आर्थिक तंगी ने उनके पति की जान ले ली. बार-बार बेहोश हो रही मृतक की पत्नी ने बताया कि 4 साल से वह घर पर ही बैठे थे. कुछ काम नमिल पा रहा था. नीलम ने बताया कि बेरोजगारी के दौर में उन पर 60 -70 हजार रुपये का कर्ज हो गया था.
बेटी की शादी की चिंता
मृतक की पत्नी नीलम ने बताया कि उनको बेटी की शादी की भी चिंता भी सताती रहती थी. मुन्ना चौधरी को एकमात्र बेटा था, जिसे 4 साल पहले स्कूल में बच्चों के साथ आपसी झगड़े में मार दिया गया था. मुन्ना अपने पीछे 2 बेटी और पत्नी को छोड़ गए हैं. मुन्ना के भाई अशोक चौधरी ने कहा, ‘मुन्ना भैया बार-बार कहते थे के उनकी बेटी की शादी मैं करवा दूंगा न… मेरे घर का तुम ख्याल रखोगे न…भाभी का भी ध्यान रखना.’ उन्होंने बताया कि सुबह वह इस बात की जानकारी दे रहे थे कि रात में वह अकेले मेडिकल कॉलेज घूमे हैं.
‘मुझे कल नहीं देखोगे’
अशोक ने बताया कि उनके बड़े भाई मुन्ना बार-बार कह रहे थे मैं उन्हें कल नहीं देखूंगा. घटना के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि बीती रात करीब 8:30 बजे वे अकेले पेशाब करने के बहाने निकले और लौटकर नहीं आए. करीब आधे घंटे के बाद जब वे लोग खोजबीन शुरू किया तो किसी ने बताया कि S4 बिल्डिंग के 5वें तल्ले पर रेलिंग से एक व्यक्ति लटक रहा है. आनन-फानन में जब वहां पहुंचे तो वह मेरे भाई मुन्ना चौधरी थे. मुन्ना गमछी के सहारे गाला में फंदा लगाकर रेलिंग से लटक गए थे.
कोरोना काल ने छीना रोजगार
मृतक के भाई बताते है कि मुन्ना चौधरी पहले कबाड़ का व्यवसाय करते थे. कोरोना काल में उनका व्यवसाय बर्बाद हो गया. बाद में एक ऑटो भी खरीदा था, लेकर वो भी नहीं चल पाया. इस कारण वह लगातार घर में ही बैठे रहे और कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया. वह बीमारी से भी काफी परेशान रहने लगे थे. मेडिकल कॉलेज के उपाधीक्षक डॉक्टर अंजनी कुमार ने बताया कि 28 तारीख को मुन्ना चौधरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे. उनका डायबिटीज काफी बढ़ा हुआ था. यहां उनका सही तरीके से इलाज किया जा रहा था.
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Tags: Bihar News, Crime News, Madhepura news
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