रिपोर्ट- राजा राम मंडल
मधुबनी. संजीव कुमार हाथी कभी रिक्शा चलाकर किसी तरह से अपने परिवार का पेट भरते थे. लेकिन एक दिन उनके रिक्शा पर बैठे दो युवकों की आपसी बातचीत ने उनकी जिंदगी ही बदल दी. रिक्शा चलाना छोड़कर संजीब आज मधुमक्खी का पालन करते हैं और सालाना दो लाख रुपए तक कमा लेते हैं. इससे उनकी और उनके परिवार की जिंदगी आराम से कटने लगी है. सबसे खास बात यह है कि वे एक नहीं, बल्कि पांच फ्लेवर के शहद तैयार करते हैं. जिसकी डिमांड इलाके में खूब हैं.
6 बक्से से शुरू की मधुमक्खी फार्मिंग
दरअसल, संजीव कुमार हाथी मधुबनी जिले के अरेर गांव के रहने वाले हैं. वे वर्षों से रिक्शा चलाते थे. लेकिन रिक्शा से उतनी कमाई नहीं हो रही थी, जितना की वो चाहते थे. कभी- कभी तो उनका पूरा दिन बस सवारी के इंतजार में ही गुजर जाया करता था. उन्हीं दिनों एक दिन संजीव के रिक्शा पर दो युवक आकर बैठे. संजीव रिक्शा चला रहे थे और वे दोनों युवक आपस में मधुमक्खी के फार्मिंग की बात कर रहे थे.
जिज्ञासावश संजीव ने युवकों से मधुमक्खी पालन की पूरी जानकारी प्राप्त कर ली. इसके बाद उन्होंने मधुमक्खी पालने के लिए सरकारी योजना के तहत किसी तरह से 6 बॉक्स लिया. इसके बाद उन्होंने एक मधुमक्खी के विशेषज्ञ से फार्मिंग की जानकारी ली और शहद की फार्मिंग शुरू कर दी.
दो लाख तक कमा लेते हैं सालाना
संजीव को इस काम में मन लगने लगा था. कुछ ही दिनों में उन्होंने बॉक्स की संख्या 12 कर ली. इससे उनकी कमाई 30 से 50 हजार की होने लगी. जैसे-जैसे कमाई बढ़ती गई, उनके पास बॉक्स भी बढ़ते चले गए. आज उनके पास 100 बॉक्स है. जिससे सलाना लगभग 2 लाख रुपए तक कमा लेते हैं. संजीव कहते हैं कि बारिश के दिनों में मधुमक्खियों को बचाए रखने के लिए उनके लिए चीनी का घोल तैयार करना पड़ता है.
5 फ्लेवर का तैयार करते हैं शहद
सबसे खास बात यह है कि संजीव 5 फ्लेवर का शहद तैयार करते हैं. इसमें खजूर, सरसों, जामुन, लीची आदि है. संजीव कहते हैं कि शहद शुद्ध होने के कारण कई कंपनियों ने उन्हें ऑफर दिया, लेकिन संजीव ने किसी को हां नहीं कहा. वे कहते हैं कि अपना शहद किसी कंपनी को नहीं बेचूंगा. कारण यह कि कंपनी वाले शहद में मिलावट करते हैं. उन्होंने अब खुद की कंपनी शुरू करने का सोचा है.
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