बिहार: जमालपुर रेल कारखाना में 34 करोड़ का वैगन घोटाला, इनवेस्टिगेशन के लिए पहुंची CBI टीम

जमालपुर रेल इंजन कारखाना ने वैगन घोटाले की जांच के लिए पहुंची सीबीआई की टीम.
सीबीआई जांच टीम (CBI Investigation Team) ने जमालपुर पहुंच इस घोटाले से जुड़े कई पहलुओं पर अधिकारीयों और संवेदकों से पूछताछ की तो वहीं कई अधिकारियों के बैंक अकाउंट डिटेल को भी खंगाला.
- News18 Bihar
- Last Updated: December 5, 2020, 1:20 PM IST
मुंगेर. रेल इंजन कारखाना जमालपुर (Rail Engine Factory Jamalpur) में वर्ष 2017 के पूर्व हुए लगभग 34 करोड़ के वैगन घोटाले मामले में अब सीबीआई (CBI) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सीबीआई की महिला अधिकारी आर चौधरी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम जमालपुर पहुंच पिछले तीन दिनों से मामले की जांच कर रही है. सीबीआई टीम के जमालपुर पहुंचने के बाद यहां के रेल कारखाना प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही सीबीआई इस पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए रिपोर्ट सौपेंगी.
जांच टीम ने जमालपुर पहुंच इस घोटाले से जुड़े कई पहलुओं पर अधिकारीयों और संवेदकों से पूछताछ की तो वहीं कई अधिकारियों के बैंक अकाउंट के डिटेल को भी खंगाला. इतना ही नहीं घटनास्थल पर जा घटना का जायजा लिया. स्क्रैप साइडिंग के सीनियर सेक्शन इंजिनियर के साथ मिल कर घंटों इस मामले की जानकारी हासिल करते हुए रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई.
दरअसल वर्ष 2017 के पूर्व स्क्रैप में रखे वैगन 100 वैगन जिसके धोबी घाट स्थित यार्ड से विभिन्न पार्ट्स चक्के गायब हुए थे. लगातार कई सालों तक रेलकर्मियों और अधिकारीयों के मदद से तस्करों के द्वारा इन वैगनों के पार्ट्स निकाले जाते रहे.
पहली बार 17 अक्टूबर 2017 को कोलकाता की विजिलेंस टीम ने पटना सीबीआई को पत्राचार कर जांच का अनुरोध किया था. जिसके बाद सीबीआई के तत्कालीन एसपी नागेंद्र प्रसाद ने मामला दर्ज कर जांच प्रक्रिया को प्रारम्भ किया था.
जांच टीम ने जमालपुर पहुंच इस घोटाले से जुड़े कई पहलुओं पर अधिकारीयों और संवेदकों से पूछताछ की तो वहीं कई अधिकारियों के बैंक अकाउंट के डिटेल को भी खंगाला. इतना ही नहीं घटनास्थल पर जा घटना का जायजा लिया. स्क्रैप साइडिंग के सीनियर सेक्शन इंजिनियर के साथ मिल कर घंटों इस मामले की जानकारी हासिल करते हुए रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई.
दरअसल वर्ष 2017 के पूर्व स्क्रैप में रखे वैगन 100 वैगन जिसके धोबी घाट स्थित यार्ड से विभिन्न पार्ट्स चक्के गायब हुए थे. लगातार कई सालों तक रेलकर्मियों और अधिकारीयों के मदद से तस्करों के द्वारा इन वैगनों के पार्ट्स निकाले जाते रहे.
पहली बार 17 अक्टूबर 2017 को कोलकाता की विजिलेंस टीम ने पटना सीबीआई को पत्राचार कर जांच का अनुरोध किया था. जिसके बाद सीबीआई के तत्कालीन एसपी नागेंद्र प्रसाद ने मामला दर्ज कर जांच प्रक्रिया को प्रारम्भ किया था.