सिद्धांत राज
मुंगेर: चैत्र नवरात्र को लेकर माहौल भक्तिमय बना हुआ है. मां दुर्गा के 9 स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होती है. मुंगेर में गंगा नदी के तट पर 52 शक्तिपीठों में से एक मां चंडिका स्थान विश्व भर में विख्यात है. दूर-दूर से श्रद्धालु चैत्र नवरात्र में माता चंडिका के दरबार बड़ी आस्था और विश्वास लेकर पहुंचते हैं. इस जगह पर माता सती के 52 भागों में से एक बायां नेत्र गिरा है, जिसकी पूजा होती है. इस मंदिर से जुड़ी एक अद्भुत कहानी है, जो आपको भी चौका देगा.
मंदिर के सृंगारी पुजारी पवन पंडा ने मां चंडिका स्थान शक्तिपीठ से जुड़ी जानकारी साझा किया. पुजारी ने बताया कि महाभारत काल में अंग प्रदेश के राजा कर्ण (दानवीर कर्ण) रोज मुंगेर कष्टहरणी गंगा घाट पर स्नान करने के बाद चुपके से सुरंग के जरिये माता चंडिका के दरबार आते थे और माता को प्रसन्न करने के लिए तपस्या करते और उसके बाद इसी स्थल पर एक कढ़ाई में खौलते घी में वो अपने प्राण की आहुति देते थे.
शक्तिपीठ चंडिका स्थान से जुड़ी हैं हैरान कर देने वाला अद्भुत कहानी
पुजारी ने बताया कि राजा कर्ण की तपस्या और बलिदान से प्रसन्न होकर मां चंडिका प्रकट हुई और राजा कर्ण को वरदान में सावा मन सोना (50 किलोग्राम) दे दी और राजा कर्ण रोज इसी प्रकार गंगा स्नान करते और माता की तपस्या कर प्राण की आहुति देते और माता उसी प्रकार प्रकट होती और सावा मन सोना राजा कर्ण को देती थी. राजा कर्ण रोजाना सोना अपने राजदरबार में बैठकर गरीबों के बीच दान कर देते थे.
एक दिन इसी बात को राजा विक्रमादित्य ने जाना और उनके जेहन में प्रश्न उठा कि राजा कर्ण के पास इतना सोना कहां से आया जो रोज गरीबों को दान करता है. इसकी जानकारी लेने राजा विक्रमादित्य भेष बदलकर कर्ण के दरबार पहुंचे और उनका सेवक बन गए. उसके बाद एक दिन सुबह राजा कर्ण जब गंगा स्नान के लिए निकले तो विक्रमादित्य उनके पीछे लग गए और राजा कर्ण की सारी सच्चाई जान ली.
राजा विक्रमादित्य ने तीन वरदान मांग राजा कर्ण के कार्यों को किया था भंग
राजा विक्रमादित्य ने भी वही किया जो राजा कर्ण करते थे. एक दिन उसी प्रकार राजा विक्रमादित्य गंगा स्नान कर माता चंडिका के दरबार पहुंच गया और तपस्या कर उस खौलते हुए घी में डूब अपने प्राण की आहुति दे दी. तभी माता सती विक्रमादित्य के सामने प्रकट हुई और बोली तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं, मांगो क्या मांगते हो. तो विक्रमादित्य ने माता सती से तीन वरदान मांगे.
पहला की मनुष्य जब भी आपके दरबार आये तो आपकी पूजा से पहले वो मेरा नाम ले, दूसरा वरदान कि आप पीठ के बल घूम जाएं और तीसरा वरदान की जिस कलश से आप राजा कर्ण को सोना दान करती हो वो कलश मुझे दे दीजिये. तभी माता सती ने राज विक्रमादित्य द्वारा मांगी गई सभी वरदान पर तथास्तु कर दिया.
मां चंडिका से पहले श्रद्धालु राजा विक्रमादित्य का लेते हैं नाम
श्रद्धालु माता सती चंडिका की जब भी पूजा करते हैं तो माता चंडिका से राजा विक्रमादित्य का नाम आता है जो संकल्प मंत्र ” ॐ गंगाजलम समर्पयामि भगवती श्री विक्रम चण्डिकाये नमः” के माध्यम से आता है. दूसरे वरदान को पूरा करने में माता सती के घूमते ही वह खौलती घी की कढ़ाई पलट गई, जो आज भी लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. गौरतलब है कि उसी पलटी हुई कढ़ाई के नीचे माता की गर्भगृह है, जिस कढ़ाई से नेत्र में लगाने वाला काजल निकलता है.
मां चंडिका के गर्भगृह का कागजल लगाने से नेत्र रोग हो जाता है दूर
पुजारी ने बताया कि जटिल से जटिल नेत्र रोगी यहां पर आते हैं और माता की गर्भगृह का काजल यहां की विधि विधान के अनुसार ले जाते हैं. जिसके 40 से 45 दिनों तक नेत्र में लगाने से वो बिल्कुल ठीक हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि बताया तीसरे वरदान में माता सती ने सोने देने वाली कलश राजा विक्रमादित्य को दे दी. साथ ही पुजारी ने एक महत्वपूर्ण जानकारी यह भी दी है कि 52 शक्तिपीठों में से एक मात्र मुंगेर की चंडी स्थान है. जहां माता के गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग है, क्योंकि पति के दाईं ओर पत्नी का स्थान होता है.
चैत्र नवरात्र में माता चंडिका की दरबार में पूजा करने झारखंड के पाकुड़ से आये श्रद्धालु पवन कुमार गुप्ता ने बताया कि मेरे पास जो भी है सब माता चंडिका का दिया हुआ है. मेरा अपना कुछ भी नहीं है. सब इन्हीं का दिया हुआ है. कई सालों से इसी आस्था और विश्वास के साथ माता के दरबार में हाजिरी लगाने हर वर्ष आते हैं.
.
Tags: Bihar News, Chaitra Navratri, Dharma Aastha, Durga Pooja, Munger news
धांसू है अनलिमिटेड बेनिफिट्स वाला ये प्रीपेड प्लान, 130 दिन के लिए रिचार्ज की टेंशन हो जाती है दूर, रोजाना का खर्च भी महज 5 रुपये
पूजा ही नहीं सेहत के लिए भी करामाती है कपूर, एलर्जी जैसी 4 परेशानियां होंगी दूर, जान लें इसके और भी लाभ
सबसे मोटी सैलरी लेने वाली 5 महिला CEO, सवा 3 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक है पैकेज