Delhi Voilence: शाहरुख के घर से बरामद हुई पिस्टल तो फिर चर्चा में आ गया बिहार का ये शहर

नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान पुलिस पर गोलियां चलाने वाले युवक शाहरुख को 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के बरेली से गिरफ्तार किया गया था. (फाइल फोटो)
योगनगरी के नाम से देश-दुनिया में मशहूर मुंगेर की एक दूसरी पहचान भी है. यह पहचान है अवैध हथियारों के निर्माण और तस्करी के कैपिटल सिटी के रूप में. यहां के बने हथियारों को लोग मुंगेरिया पिस्टल के नाम से जानते हैं.
- News18 Bihar
- Last Updated: March 7, 2020, 2:53 PM IST
मुंगेर. दिल्ली में हिंसा (Delhi Violence) के दौरान पुलिस पर पिस्टल तानने और फायरिंग करने के आरोपी शाहरुख (Shahrukh) की पिस्टल पुलिस ने बरामद कर ली है. एएनआई ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से जो जानकारी दी है उसके अनुसार पिस्टल शाहरुख के घर से बरामद हुई है. इसके साथ ही सूत्रों से ही यह भी जानकारी सामने आई है कि ये पिस्टल बिहार के मुंगेर में बनी हुई (Pistol made in Munger) थी. जाहिर है इसके साथ ही एक बार फिर बिहार का यह शहर चर्चा में आ गया है.
अवैध हथियार निर्माण का गढ़ है मुंगेर
योगनगरी के नाम से देश-दुनिया में मशहूर मुंगेर की एक दूसरी पहचान भी है. यह पहचान है अवैध हथियारों के निर्माण और तस्करी के कैपिटल सिटी के रूप में. यहां के बने हथियारों को लोग मुंगेरिया पिस्टल के नाम से जानते हैं. यहां देशी पिस्तौल से लेकर नाइन एमएम पिस्टल और एके 47 जैसे अत्याधुनिक हथियार तक आसानी से उपलब्ध होते रहे हैं.
अवैध हथियार के तार मुंगेर से जुड़ेदरअसल, हथियार के सौदागरों ने बड़े शहरों में अड्डा बना लिया है. न सिर्फ हथियारों की डिलिंग हो रही है, बल्कि इंडस्ट्रियल एरिया जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर इसका निर्माण भी हो रहा. देश के किसी कोने में अगर कोई वारदात होती है तो और उसमें हथियारों का उपयोग होता है तो एक बार जरूर उस हथियार का तार मुंगेर से जुड़े होने की बात सामने आती है.
मुंगेर पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं कई अपराधी
मुंगेर डीआईजी मनु महाराज ने बताया की कम कीमत और अचूक होने के कारण मुंगेरिया पिस्टल की डिमांड देश भर में है. दिल्ली, यूपी, बंगाल, ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र से लेकर जम्मू कश्मीर तक में मुंगेर में निर्मित हथियारों की खेप बरामद की जा चुकी है. वहीं, इन राज्यों से हथियार की खरीददारी करने आए लोग भी मुंगेर में पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं.
पुलिसिया दबिश से बदली रणनीति
मुंगेर पुलिस और एसटीएफ की लगातार दबिश के बाद मुंगेर पुलिस ने अपनी रणनीति बदल ली. अब हथियार तस्करों ने अपना ठिकाना बदल लिया है. अब हथियार तस्करों ने बंगाल और पश्चिमी यूपी को अपना नया ठिकाना बना लिया है. हावड़ा के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर हथियार का निर्माण किया जाता है. फिर उसे मुंगेर लाकर बेच दिया जाता है.
अन्य राज्यों से भी जुड़ने लगे तार
अवैध हथियारों का जखीरा सप्लाई करने वाले बिहार के मुंगेर शहर में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. इसका नतीजा ये हुआ है कि मुंगेर में इस इंडस्ट्री की कमर टूट गई है, लेकिन इसका साइड इफेक्ट राजधानी दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों के लिए खतरनाक साबित हुआ है.
मुंगेर के वरिष्ठ पत्रकार सह आर्म्स के जानकार अवधेश कुमार बताते हैं कि हाल में हुई कार्रवाई से अवैध हथियारों के धंधे का कनेक्शन बिहार, बंगाल और झारखंड के साथ साथ दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश के साथ आया है. संकरी गलियों से में बनने वाले कट्टा से शुरू हुआ देशी हथियारों का धंधा अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण तक पहुंच गया है.
रिपोर्ट- अरुण कुमार शर्मा
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अवैध हथियार निर्माण का गढ़ है मुंगेर
योगनगरी के नाम से देश-दुनिया में मशहूर मुंगेर की एक दूसरी पहचान भी है. यह पहचान है अवैध हथियारों के निर्माण और तस्करी के कैपिटल सिटी के रूप में. यहां के बने हथियारों को लोग मुंगेरिया पिस्टल के नाम से जानते हैं. यहां देशी पिस्तौल से लेकर नाइन एमएम पिस्टल और एके 47 जैसे अत्याधुनिक हथियार तक आसानी से उपलब्ध होते रहे हैं.
अवैध हथियार के तार मुंगेर से जुड़ेदरअसल, हथियार के सौदागरों ने बड़े शहरों में अड्डा बना लिया है. न सिर्फ हथियारों की डिलिंग हो रही है, बल्कि इंडस्ट्रियल एरिया जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर इसका निर्माण भी हो रहा. देश के किसी कोने में अगर कोई वारदात होती है तो और उसमें हथियारों का उपयोग होता है तो एक बार जरूर उस हथियार का तार मुंगेर से जुड़े होने की बात सामने आती है.
मुंगेर पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं कई अपराधी
मुंगेर डीआईजी मनु महाराज ने बताया की कम कीमत और अचूक होने के कारण मुंगेरिया पिस्टल की डिमांड देश भर में है. दिल्ली, यूपी, बंगाल, ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र से लेकर जम्मू कश्मीर तक में मुंगेर में निर्मित हथियारों की खेप बरामद की जा चुकी है. वहीं, इन राज्यों से हथियार की खरीददारी करने आए लोग भी मुंगेर में पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं.
पुलिसिया दबिश से बदली रणनीति
मुंगेर पुलिस और एसटीएफ की लगातार दबिश के बाद मुंगेर पुलिस ने अपनी रणनीति बदल ली. अब हथियार तस्करों ने अपना ठिकाना बदल लिया है. अब हथियार तस्करों ने बंगाल और पश्चिमी यूपी को अपना नया ठिकाना बना लिया है. हावड़ा के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर हथियार का निर्माण किया जाता है. फिर उसे मुंगेर लाकर बेच दिया जाता है.
अन्य राज्यों से भी जुड़ने लगे तार
अवैध हथियारों का जखीरा सप्लाई करने वाले बिहार के मुंगेर शहर में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. इसका नतीजा ये हुआ है कि मुंगेर में इस इंडस्ट्री की कमर टूट गई है, लेकिन इसका साइड इफेक्ट राजधानी दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों के लिए खतरनाक साबित हुआ है.
मुंगेर के वरिष्ठ पत्रकार सह आर्म्स के जानकार अवधेश कुमार बताते हैं कि हाल में हुई कार्रवाई से अवैध हथियारों के धंधे का कनेक्शन बिहार, बंगाल और झारखंड के साथ साथ दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश के साथ आया है. संकरी गलियों से में बनने वाले कट्टा से शुरू हुआ देशी हथियारों का धंधा अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण तक पहुंच गया है.
रिपोर्ट- अरुण कुमार शर्मा
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