मुजफ्फरपुर. शिक्षा हासिल करने की राह में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की महिलाएं हर विघ्न बाधा से लड़ने के लिए तैयार हैं. एक ऐसी ही मिसाल पेश की है मुजफ्फरपुर की शांति कुमारी ने. जिले के कुढ़नी प्रखंड के कफेन गांव निवासी शांति कुमारी ने पढ़ाई की राह में अपनी प्रेग्नेंसी की भी परवाह नहीं की. दरअसल पहले से शादीशुदा शांति को पढ़ाई का ख्याल आया और उसने पढ़ाई शुरू कर दी.
वो इस साल मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाली थी लेकिन परीक्षा के साथ-साथ उसके ऊपर मातृत्व की भी जिम्मेदारी थी. दोनों ही जिम्मेदारियां बड़ी थी लेकिन शांति ने इन दोनों को बखूबी निभाया. डिलीवरी डेट करीब होने के बावजूद शांति ने अपनी परीक्षा नहीं छोड़ी और शहर के महंत दर्शन दास महिला महाविद्यालय परीक्षा केंद्र पर आयोजित परीक्षा में वह खुशी-खुशी शामिल हुई.
शुक्रवार को शांति जब अपने परीक्षा केंद्र पर दूसरी पाली में उत्तर पुस्तिका लिखने में मशगूल थी उसी समय उसने लेबर पेन फील किया. मातृत्व के दर्द के बीच शांति ने अपनी परीक्षा नहीं छोड़ा और लेबर पेन की पीड़ा को झेलते हुए उसने अपनी परीक्षा पूरी की. कॉपी लिखने के बाद उसने सेंटर सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मधुमिता को अपनी बात बताई.
केंद्राधीक्षक ने इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुल सलाम अंसारी को दी जिसके बाद आनन-फानन में शिक्षा विभाग ने परीक्षा केंद्र पर एंबुलेंस भेजा. एंबुलेंस की मदद से शांति की पत्नी बिरजू सहनी उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टर और नर्स ने शांति के साहस को सलाम करते हुए इलाज शुरू किया और शुक्रवार की देर रात शांति ने एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया.
शांति और उसका बेटा दोनोंं स्वस्थ हैं. शांति के पति बिरजू सहनी बताते हैं कि परिवार के लोग शांति को इस साल परीक्षा छोड़ देने की सलाह दे रहे थे लेकिन शांति ने परीक्षा देने का फैसला किया तो पूरा परिवार उसके साथ खड़ा हो गया. बिरजू को शांति जैसी साहसी पत्नी पर गर्व है. इधर शांति बताती हैं कि उनके सामने दो-दो इम्तिहान एक साथ आ गए थे. हौसले की बदौलत उसने दोनों इम्तिहान पास कर लिया, इसलिए वो अपने बच्चे को इम्तिहान के नाम से बुलाएगी.
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