मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में CBI ने चार्जशीट में स्पष्ट किया है कि बालिका गृह से जब्त बेड शीट और कपड़ों की मुजफ्फरपुर की FSL यूनिट से जांच कराई गई. FSL रिपोर्ट में ग्रे रंग की बेड शीट पर सिमेन और खून के धब्बे मिले हैं. इससे साफ है कि नाबालिग बच्चियों से यौन उत्पीड़न के सबूत सामने आ गए हैं.
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चार्जशीट की कॉपी के अनुसार इस गुनाह में एक पूरा नेक्सस काम करता था जिसका मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर था. इसमें उसके साथ रवि रोशन और मामू सहित बालिका गृह के अन्य कर्मचारी सहयोगी था. वह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस करने को विवश करता था और लड़कियों को दूसरे के पास परोसता भी था. इस गुनाह में अन्य कई बराबर के भागीदार रहे हैं. आइये इनमें से कुछ प्रमुख चेहरों की भूमिका के बारे में जानते हैं.
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ब्रजेश ठाकुर: बालिका गृह का वास्तविक मालिक था और वही इसका संचालन करता था. एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का वह कार्यपालक निदेशक पद पर था. इसी एनजीओ के माध्यम से बालिका गृह का संचालन होता था. उस पर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है.
रवि कुमार रोशन: यह बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) था. ब्रजेश के साथ-साथ इस पर भी अधिकतर लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है. वह छोटे कपड़े में वल्गर गाने पर डांस करने के लिए लड़कियों को विवश करता था.
विकास कुमार: यह बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का सदस्य था. उस पर भी लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है. यह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को स्लीपिंग पिल्स देता था.
दिलीप कुमार वर्मा: यह बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का अध्यक्ष था. लड़कियों ने उसकी पहचान फोटो से की. इसने उसे सबसे गंदा आदमी बताया. यह लड़कियों से साथ दुष्कर्म करता था. यह ब्रजेश ठाकुर का खास था.
रोजी रानी: यह बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक थी. लड़कियों ने उसे सारी घटनाओं की जानकारी दी, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया. उस पर आरोपितों को सहयोग करने का आरोप लगाया गया है.
शाइस्ता परवीन उर्फ मधु: यह ब्रजेश ठाकुर की खास राजदार थी और एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति के प्रबंधन से जुड़ी थी. यह लड़कियों को सेक्स की शिक्षा देती थी और गंदे गाने पर डांस करने को विवश करती थी. इससे मना करने वाली लड़कियों को सजा के तौर पर नमक रोटी खाने को दिया जाता था.
डॉ. प्रमीला: यह बालिका गृह की लड़कियों की स्वास्थ्य जांच करती थी. लड़कियों ने उसे बताया कि ब्रजेश, रवि रोशन, विजय व विकास ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इस पर उसने बस इतना कहा कि कोई बात नहीं तुम लोगों को दवा दे दूंगी. इसने पीड़िता की कोई मदद नहीं की.
रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहेब उर्फ मास्टर जी: यह ब्रजेश के पारिवारिक प्रेस का मैनेजर था. लड़कियों ने इसे गंदा आदमी बताया है. यह लड़कियों को गंदी नजर से देखता था. यह लड़कियों से साथ दुष्कर्म और पिटाई करता था.
डॉ. अश्वनी उर्फ आसमनी: बालिका गृह की लड़कियां इस डॉक्टर से काफी भयभीत रहती थीं. यह लड़कियों को ट्रैक्यूलाइज्ड कर बेहोश करता था. यह अपने आला से लड़कियों को बिना कपड़े के जांच करता था.
विजय कुमार तिवारी, गुड्डू और कृष्णा राम: सभी ब्रजेश ठाकुर का नौकर था. सभी पर लड़कियों से दुष्कर्म करने और पिटाई करने का आरोप लगाया गया है.
विक्की: मधु का भतीजा है. यह भी रात में बालिका गृह पहुंचता था. किशोरियों से यौन हिंसा करता था.
इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी: सभी बालिका गृह की कर्मचारी थीं. इन सभी पर लड़कियों को नशे की दवाई देने, मारपीट करने के आरोप हैं. इनपर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले ब्रजेश, विकास, दिलीप, रवि रोशन और अन्य का सहयोग करने का भी आरोप है. एक महिला कर्मचारी पर लड़कियों से साथ आपत्तिजनक स्थिति में सोने का भी आरोप है. यह अन्य महिला कर्मचारियों के साथ मिलकर लड़कियों की पिटाई करती थी.
इनपुट- प्रवीण ठाकुर
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FIRST PUBLISHED : January 06, 2019, 12:09 IST