नालंदा: अधेड़ शख्स को पहले थाने में बुलाया, फिर पानी पिला-पिलाकर बेरहमी से की पिटाई

नालंदा पुलिस का अमानवीय चेहरा फिर आया सामने, अधेड़ को थाने में बुलाकर बेरहमी से पीटा
मामला संज्ञान में आने के बाद डीएसपी इमरान परवेज थाना पहुंचे और पूरे मामले की जांच की. उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष ने बेवजह पिटाई की है. जांच रिपोर्ट एसपी कार्यालय को सौंप दी गई है.
- News18 Bihar
- Last Updated: March 17, 2020, 9:03 AM IST
नालंदा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के गृह जिले नालंदा में पुलिस का क्रूर व अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है. यहां थानाध्यक्ष पर एक शख्स की बेरहमी तरीके से पिटाई करने का आरोप लगा है. मामला हरनौत प्रखंड के चेरो ओपी थाना का है. चेरो थानाध्यक्ष पर बेवजह एक ग्रामीण को बुलाकर पिटाई करने का आरोप लगाया जा रहा. इस बीच डीएसपी (DSP) ने पूरे मामले की जांच की और घटना को सत्य पाते हुए वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है.
थाना बुलाकर की पिटाई
पीड़ित संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि उसके पड़ोसी से छज्जा का विवाद चल रहा था. इसी विवाद को लेकर थानाध्यक्ष पवन कुमार ने उन्हें 12 मार्च को थाने पर बुलाया जहां उनकी बहन और मामा के साथ गाली-गलौज और मारपीट करने लगा. इस बाबत जब पीड़ित ने थानाध्यक्ष से पूछा तो उन दोनों को छोड़कर थानाध्यक्ष इसकी पिटाई करने लगे. पीड़ित संतोष कुमार गुप्ता का यह भी आरोप है कि उसे जब होश आता था तो थानाध्यक्ष उसे पानी पिला पिला कर पिटाई करते थे. अंत में सादे कागज पर दस्तखत करा छोड़ दिया.
डीएसपी ने सौंपी जांच रिपोर्ट मामला संज्ञान में आने के बाद डीएसपी इमरान परवेज थाना पहुंचे और पूरे मामले की जांच की. उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष ने बेवजह पिटाई की है. जांच रिपोर्ट एसपी कार्यालय को सौंप दी गई है. डीएसपी ने कहा कि इस तरह का व्यवहार नालंदा पुलिस कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. इधर, थानाध्यक्ष ने अपने उपर लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया. उन्होंने मारपीट की घटना से इंकार किया है.
नगरनौसा थाना की याद नहीं भूली
बता दें कि बीते साल जुलाई महीने में नगरनौसा थाना में पुलिस कस्टडी में जेडीयू नेता गणेश रविदास की भी पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगा था. जाहिर है सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में इस तरह की पुलिसिया करतूत सामने आने से बिहार में सुशासन के दावे की हकीकत पता लगती है.
(रिपोर्ट- अभिषेक कुमार)
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थाना बुलाकर की पिटाई
पीड़ित संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि उसके पड़ोसी से छज्जा का विवाद चल रहा था. इसी विवाद को लेकर थानाध्यक्ष पवन कुमार ने उन्हें 12 मार्च को थाने पर बुलाया जहां उनकी बहन और मामा के साथ गाली-गलौज और मारपीट करने लगा. इस बाबत जब पीड़ित ने थानाध्यक्ष से पूछा तो उन दोनों को छोड़कर थानाध्यक्ष इसकी पिटाई करने लगे. पीड़ित संतोष कुमार गुप्ता का यह भी आरोप है कि उसे जब होश आता था तो थानाध्यक्ष उसे पानी पिला पिला कर पिटाई करते थे. अंत में सादे कागज पर दस्तखत करा छोड़ दिया.
डीएसपी ने सौंपी जांच रिपोर्ट मामला संज्ञान में आने के बाद डीएसपी इमरान परवेज थाना पहुंचे और पूरे मामले की जांच की. उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष ने बेवजह पिटाई की है. जांच रिपोर्ट एसपी कार्यालय को सौंप दी गई है. डीएसपी ने कहा कि इस तरह का व्यवहार नालंदा पुलिस कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. इधर, थानाध्यक्ष ने अपने उपर लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया. उन्होंने मारपीट की घटना से इंकार किया है.
नगरनौसा थाना की याद नहीं भूली
बता दें कि बीते साल जुलाई महीने में नगरनौसा थाना में पुलिस कस्टडी में जेडीयू नेता गणेश रविदास की भी पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगा था. जाहिर है सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में इस तरह की पुलिसिया करतूत सामने आने से बिहार में सुशासन के दावे की हकीकत पता लगती है.
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