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Nalanda News : स्ट्रॉबेरी की खेती से नालंदा को दिलाई नई पहचान, जानिए किसान ने कहां से ली ट्रेनिंग

इसकी शुरुआत 2018 में औरंगाबाद के किसान से 5000 पौधा लाकर की. शुरुआत में ₹50 हज़ार की पूंजी लगी. जिससे दो गुणा फ़ायदा हु ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – मो. महमूद आलम

नालंदा. नये जमाने के किसान अब प्रयोगधर्मी खेती कर रहें हैं. इसके साथ वो सफल भी हो रहें हैं. इसी में नाम जुड़ा है नालंदा के नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत रामचंक गांव निवासी अनुज कुमार का. जो पिछले 4 वर्षों से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं और गांव के लोगों को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं इससे दूसरे किसान भी प्रेरित होकर स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की है.आपको बता दें कि नालंदा शिक्षा के बाद धान, आलू और गेहूं के अलावा स्ट्रॉबेरी के क्षेत्र में अव्वल हो रहा हैं.

बेटे ने किया प्रेरित, तो बदली खेती

किसान अनुज कुमार बताते हैं कि पहले वह सब्जी की खेती किया करते थे, लेकिन उनके पुत्र ने पढ़ाई के दौरान पिता को स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रेरित किया. उसके बाद अनुज कुमार स्ट्रॉबेरी की जानकारी के लिए पूसा गए और वहां से स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी ली. फिर औरंगाबाद से पौधा लाकर इसकी शुरुआत की. जिसके बाद से वह लगातार खेती कर दोगुना मुनाफा के साथ-साथ दर्जनों लोगों को जोड़कर इससे रोजगार भी दे रहे हैं. इसकी शुरुआत 2018 में औरंगाबाद के किसान से 5000 पौधा लाकर की. शुरुआत में ₹50 हज़ार पूंजी लगाए थे. जिसका दो गुना फ़ायदा हुआ. पहले एक एकड़ में शुरू किया था. धीरे धीरे उसको बढ़ाया और अब दो एकड़ में कर रहे हैं, फ़ायदा दोगुना हो रहा है.

बिहार में सरकार से नहीं मिलता है अनुदान

उन्होंने बताया की इस फल को पटना या कोलकाता की मंडियों में भेजने पर भी पूरा रिस्क किसान को ही उठाना पड़ता है. मंडी में भेजने के बाद फल की बिक्री हो जाती है, तो 6% एजेंट कमीशन काटकर भुगतान करता है. हद तो यह कि बिक्री नहीं होने पर पूरा नुकसान किसान को उठाना पड़ता है.

औरंगाबाद के किसानों को स्ट्राबेरी की खेती के लिए सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है. लेकिन नालंदा के किसानों को स्ट्राबेरी की खेती के लिए अनुदान नहीं मिलता. खेत का जायजा लेने पदाधिकारी तो आते हैं. मदद का आश्वासन भी दिया जाता है. परंतु आजतक कोई सहायता नहीं मिली है.

कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए स्ट्राबेरी रामवाण

इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस फल से कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए स्ट्राबेरी रामवाण है. एक शोध के अनुसार स्ट्राबेरी में कैंसर प्रिवेंटिव और कैंसर चेराप्यूटिक गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर के बचाव और इसके उपचार में प्रभावी असर दिखा सकते है.

स्ट्राबेरी में मौजूद कमी प्रिवेंटिव गुण कैंसर सेल के प्रसार को रोकने का काम कर सकता है. शोध में यह भी पाया गया कि स्ट्रॉबेरी ब्रेस्ट कैंसर के लिए भी लाभकारी है. इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा व बालों का ख्याल रखने में सहायक हैं. नगरनौसा से तीन बिहार शरीफ से एक व सिलाव के दो किसानों ने आवेदन दिया था.

Tags: Bihar News, Nalanda news

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