पिछले 15 साल से फरार चल रहे नक्सली कमांडर (Naxalite commander) डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा ने सोमवार को जमुई एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया है. आत्मसमर्पण Mकरने वाले नक्सली सोरेन कोड़ा 2005 में मुंगेर (Munger) के तत्कालीन एसपी के सी सुरेंद्र बाबू के हत्याकांड में भी शामिल था, जिस मामले में वह जेल भी गया था लेकिन 13 महीने के बाद जेल से निकलने पर यह नक्सली जमुई लखीसराय और मुंगेर इलाके में हुए नक्सल घटनाओं में लगातार शामिल रहा. जमुई एसपी ने बताया कि नक्सली कमांडर डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता प्रवेश दा का दाहिना हाथ है.
जमुई जिले के बरहट प्रखंड के चोरमारा गांव का रहने वाला नक्सली कमांडर उर्फ सोरेन कोड़ा ने जमुई पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. बताया जा रहा है कि नक्सल आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सोरेन ने आत्मसमर्पण किया है. मामले में जमुई एसपी प्रमोद कुमार मंडल ने पत्रकारों को बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली डॉक्टर के नाम से जाना जाता है.
यह नक्सली पिछले 15 सालों से फरार रहकर जमुई लखीसराय और मुंगेर जिले में कई नक्सल घटनाओं में शामिल होता था. सोरेन कोड़ा भाकपा माओवादी के बड़े नेता प्रवेश दा का दाहिना हाथ बताया जाता है. सोरेन कोड़ा के विरुद्ध दर्जनभर से अधिक मामले दर्ज हैं. आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस के द्वारा पूछताछ में उसने बताया कि 2005 में भीम बांध जंगल में मुंगेर के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू सहित पुलिस बल को लैंडमाइन विस्फोट कर हत्या के कांड में भी वह शामिल था. इसके अलावा जमुई जिले के बरहट थाना के पचेसरी स्कूल में 3 लोगों की हत्या, पेसरा जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़, लखीसराय जिले के पुजारी अपहरण और हत्या कांड के अलावा लखीसराय जिले में मुखिया अपहरण कांड में अपनी संलिप्तता बताई है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : October 26, 2020, 19:01 IST