मांझी की पार्टी ने लालू को बताया 'होटवार जेल सुप्रीमो', पोस्टर लगाकर पूछा- कितनों की बलि लेंगे?

जीतन राम मांझी और लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
जिस तरीके से रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) के अंतिम पत्र को लेकर राजद ने सवाल खड़े किए थे, वैसे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) भी इस मामले को लेकर मुखर हो गई है.
- News18Hindi
- Last Updated: September 15, 2020, 11:30 AM IST
पटना. पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) द्वारा जीवन के अंतिम समय में दिल्ली AIIMS के ICU से लिखा गया अंतिम पत्र बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले बिहार की सियासत का एक अहम मुद्दा बनता नजर आ रहा है. हाल ही में एनडीए (NDA) में शामिल हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने इस मामले में RJD नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी द्वारा राजधानी पटना के चौक-चौराहों पर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को होटवार जेल सुप्रीमो बताते हुए यह सवाल पूछा गया है. अपने बेटों को स्थापित करने के लिए वह कितनों की बलि लेंगे?
जिस तरीके से रघुवंश बाबू के अंतिम पत्र को लेकर राजद ने सवाल खड़े किए थे, वैसे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी इस मामले को लेकर मुखर हो गई है. हम नेताओं की मानें तो राजद ने कई नेता अब भी प्रताड़ित हो रहे हैं जो आने वाले दिनों में रघुवंश सिंह की तरह असमय काल कवलित हो सकते हैं. बता दें कि एम्स से लिखी रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठी पर आरजेडी और कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. सोमवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने दावा किया था कि यह चिट्ठी जबर्दस्ती लिखवाई गई है. उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू अपनी लड़ाई पार्टी में रहकर लड़ते थे. ऐसे में इस प्रकरण की घोर निंदा होनी चाहिए.

वहीं, दूसरी ओर उनके ही सहयोगी और राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस प्रकरण पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसी बातें करने वाले लोग लालू जी का ख़त पढ़ लें, इस रिश्ते की बुनियाद ख़ून-पसीने से है. राजद नेता ने कहा कि उनलोगों के अंदर की संवेदना ही नहीं है कि वो लोग किसी का आदर करें.
जिस तरीके से रघुवंश बाबू के अंतिम पत्र को लेकर राजद ने सवाल खड़े किए थे, वैसे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी इस मामले को लेकर मुखर हो गई है. हम नेताओं की मानें तो राजद ने कई नेता अब भी प्रताड़ित हो रहे हैं जो आने वाले दिनों में रघुवंश सिंह की तरह असमय काल कवलित हो सकते हैं. बता दें कि एम्स से लिखी रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठी पर आरजेडी और कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. सोमवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने दावा किया था कि यह चिट्ठी जबर्दस्ती लिखवाई गई है. उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू अपनी लड़ाई पार्टी में रहकर लड़ते थे. ऐसे में इस प्रकरण की घोर निंदा होनी चाहिए.
