Bihar Assembly Byelection: नीतीश कुमार ने लालू यादव और तेजस्वी यादव का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग समझते हैं कि अनाप-शनाप बोलने से उन्हें पब्लिसिटी मिलती है (फाइल फोटो)
पटना. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) सियासत के कितने माहिर खिलाड़ी हैं और कब कौन सी चाल चलनी है यह लालू से बेहतर कोई नहीं जानता. जब से लालू प्रसाद यादव बिहार पहुंचे हैं हर दिन कोई न कोई अपने बयानों से धमाका करते रहे हैं. बिहार विधानसभा उपचुनाव (Bihar Assembly By Election) की वोटिंग से एक दिन पहले एक बार फिर लालू ने बड़ा बयान देते हुए बिहार की सियासत (Bihar Politics) में बड़ी हलचल मचा दी है. लालू यादव ने दावा किया है कि उपचुनाव के नतीजे आते ही बिहार की सरकार गिरा दिया जाएगा. नीतीश सरकार में भगदड़ मचा दिया जाएगा. इसके लिए उनके पास फॉर्मूला भी है. जानना जरूरी है कि आखिर राजद सुप्रीमो आखिर किस फॉर्मूले के तहत सरकार गिराने का दावा कर रहे हैं.
बिहार विधानसभा 2020 में मिली सीटों ने एनडीए और महागठबंधन दोनों को अलर्ट मोड में रखा है. बहुमत के आंकड़े से थोड़ा ज्यादा सीट रहने के कारण एनडीए पर लगातार दबाव बना हुआ है. 243 सीट वाले बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. फिलहाल एनडीए के पास 126 के आंकड़े के साथ पूर्ण बहुमत है. विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिले सीट के मुताबिक बीजेपी 74 सीट, जेडीयू को 43, हम पार्टी 4, वीआईपी को 4 सीट हासिल था. बाद के 3 दिनों में कई दलों के नेताओं ने जेडीयू में शामिल होने से आंकड़ा बढ़ा.
चैनपुर से बीएसपी विधायक जमा खान पार्टी छोड़ जेडीयू में आये जिन्हें बाद में मंत्री बनाया गया. वहीं लोजपा के एकमात्र विधायक मटिहानी से राज कुमार सिंह भी पाला बदलकर जेडीयू में शामिल हुए. चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी जेडीयू के समर्थन का ऐलान किया. वहीं जेडीयू के कुशेश्वरस्थान और तारापुर के विधायक के निधन के बाद दो सीटें कम हो गईं और आंकड़ा 126 पर स्थिर है.
लालू के दावे में कितना है दम?
लालू के बयान के मुताबिक उपचुनाव में दोनों सीटे जितने के बाद सरकार गिर जाएगी. अगर आंकड़ों की बात करें तो फिलहाल गठबंधन के पास 110 सीटें हैं. इनमे आरजेडी 75, कांग्रेस 19, माले 12, सीपीआई एएम 2, सीपीआई की 2 सीटे हैं. अगर तारापुर और कुशेश्वरस्थान की दोनों सीटे जीत भी जाते हैं तो यह आंकड़ा बढकर 112 तक पहुंच जाएगा. बावजूद गठबंधन बहुमत से 10 सीटे पीछे रह जायेगा. पर लालू कह रहे हैं कि सरकार गिरा दिया जाएगा और गठबंधन की सरकार बन जायेगी.
लालू कौन से फॉर्मूले पर करेंगे काम?
लालू के बयानों से एक बात तो साफ है कि उपचुनाव में दोनों सीट जितने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों को एक मजबूत मैसेज देने की कोशिश है कि जनता का विश्वास और समर्थन आरजेडी के साथ है. इस दावे के साथ कोशिश होगी कि एनडीए के दो घटक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और वीआईपी पार्टी को सरकार में शामिल होने और बड़ा पद देने का ऑफर कर तोड़ने की कोशिश होगी. फिलहाल दोनों दलों से नेता का मंत्री पद मिलने के कारण इसकी संभावना कम है कि पार्टियां टूटे.
जादई आंकड़े का यह फॉर्मूला भी
वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेल्लारी के अनुसार राजनीति संभावनाओं का खेल है और अगर उपचुनाव की दोनों सीटें आरजेडी जीत जाती है तो बड़ा दांव खेल सकती है. इस दावं में AIMIM के 5 विधायक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. अगर वीआईपी पार्टी नहीं भी टूटती है तो AIMIM के 5 विधायक, मांझी के 4 और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को मिलाकर 122 का बहुमत का जादुई आंकड़ा पूरा किया जा सकता है.
हालांकि जो बातें गुणाभाग में हल्की दिखाई पड़ती हैं वो राजनीति में संभव हो वो जरूरी नहीं. फिलहाल उपचुनाव के दोनों सीटों पर एनडीए की मजबूत दावेदारी है और किसी कीमत पर यह सीट जाने देना नहीं चाहता. बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि उपचुनाव के नतीजे क्या रहते हैं और लालू का फॉर्मूला कितना कारगर साबित हो सकता है.
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