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पटना. बिहार सरकार ने राज्य के 2 जिलों के किसानों को बड़ी राहत दी है. अब उन जिलों के किसान अपनी जमीन की खरीद-बिक्री खुद से कर सकते हैं. जमीन की खरीद बिक्री के लिए अब चकबंदी (Chakbandi) पदाधिकारी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय (Ramsurat Rai) ने इस पर सहमति दे दी है. अब दोनों जिलों के अधिकारियों को बहुत जल्द मुख्यालय से आदेश भेज दिया जाएगा. सरकार के इस कदम से रोहतास व कैमूर के 239 मौजों के जमीन क्रेता-विक्रेता को झंझट से राहत मिली है. अब तक जमीन भले ही किसानो की थी, लेकिन इन्हें बेचने के लिए सरकार के परमिशन की जरूरत होती थी.
बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 2 जिले रोहतास और कैमूर के 239 मौजों के किसानों को राहत दी है. पहले इन मौजों में चकबंदी निदेशालय द्वारा चकबंदी अधिसूचित था. लेकिन, विभाग में कर्मियों की कमी की वजह से काम नहीं हो सका. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने चकबंदी निदेशालय के मुक्ति प्रस्ताव को सहमति दे दी है. अब इन 239 मौजों के जमीन विक्रेता को चकबंदी कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने बताया कि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि भूमि सर्वेक्षण के बाद और नई तकनीक से इन मौजों में चकबंदी का काम पूरा किया जाएगा.
जानिए क्या होता है चकबंदी अधिनियम
बता दें, सरकार जब किसी मौजा में चकबंदी निदेशालय चकबंदी अधिसूचित करती है तो वहां कोई भी किसान जमीन की बिक्री नहीं कर सकता है. किसी भी महत्वपूर्ण कार्य जैसे शादी-विवाह या बीमारी के इलाज के लिए ही जमीन बेचने की इजाजत सरकार देती है. अपनी खुद की जमीन की बिक्री नहीं करने के पीछे वजह है कि चकबंदी के दौरान चक खंडित नहीं हो. चकबंदी अधिनियम में निबंधन अनुमति से मुक्ति का भी प्रावधान है.
कर्मियों की कमी की वजह से नहीं हो रहा था काम
बताया जा रहा है कि कर्मियों की कमी की वजह से इन जगहों पर काम नहीं हो पा रहा था. वहां के किसानों के द्वारा जमीन खरीद-बिक्री की अनुमति के लिए लगातार सरकार से मांग की जार रही थी. जिसे देखते हुए चकबंदी निदेशालय ने रोहतास के चकबंदी उपनिदेशक से प्रस्ताव मांगा था, जिसके बाद सरकार ने उस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है.
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Tags: Bihar Government, Farmer Laws, PATNA NEWS