बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar Election Commission) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य निर्वाचन आयोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अंतिम चरण यानी नौवें और दसवें चरण में चुनाव कराए जाने पर मंथन करने में जुटा है. आयोग के सूत्रों की माने तो पंचायत चुनाव के शुरुआत के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पंचायतों से पूरी तरह पानी निकल जाने की संभावना कम है साथ ही पंचायत के मतदाता भी बाढ़ राहत शिविरों में रहते हैं, इसलिए उनकी चुनाव में भागीदारी भी कम हो जाएगी. लिहाजा जब क्षेत्र में बाढ़ का पानी निकल जाएगा तब पंचायत चुनाव कराया जाना ज्यादा बेहतर होगा.
सूत्रों की मानें तो पंचायत चुनाव कराने के पहले बाढ़ प्रभावित जिलों से जलजमाव वाली पंचायतों की रिपोर्ट निर्वाचन आयोग तलब करेगा. इस रिपोर्ट के मिल जाने के बाद चुनाव की तिथि तय की जाएगी साथ ही बाढ़ प्रभावित पंचायतों में स्थित बूथों का स्थल निरीक्षण भी कराया जाएगा. जलजमाव वाले क्षेत्रों के बूथों पर आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन की संभावना है. राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्र बताते हैं कि गैर प्रभावित क्षेत्रों में पहले पंचायत चुनाव कराया जाएगा, इसके लिए पंचायतों में मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करने के साथ ही मतदाता सूची को अपडेट करने और मतदाताओं के लिए तमाम तरह की सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश जिला पदाधिकारियों को दिए जा चुके हैं.
बिहार में लगभग 15 जिले अति बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आते हैं और इन जिलों में जलजमाव वाली पंचायतों में चुनाव अंतिम चरण में कराए जाने की संभावना है. बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण की तेज रफ्तार के कारण बिहार में पंचायत चुनाव टल गए थे. पर अब सरकार की ओर से चुनाव करवाने के लिए हरी झंडी दे दी गई है. सूत्रों से मिली खबर के अनुसार अगस्त के अंतिम सप्ताह से शुरू होकर सितंबर-अक्टूबर में ये चुनाव करवाए जा सकते हैं. यह जानकारी भी मिल रही है कि चुनाव आयोग ने चुनाव 10 चरण में करवाने के संकेत दिए हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 30, 2021, 08:57 IST