COVID 19: UP के बाद बिहार पर कोटा से छात्रों बुलाने का दबाव लेकिन सरकार ने किया इनकार

कोटा में बिहार के करीब 6500 बच्चे फंसे हैं. (सांकेतिक फोटो)
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि हमारी सरकार बच्चों को वापस नहीं बुलाएगी. जो वहां पर फंसे हैं उन्हें वहीं सुविधा पहुंचाई जाएगी. इसके साथ ही वहां की राज्य सरकार से भी सुविधा देने को कहा जा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: April 18, 2020, 12:49 PM IST
पटना. कोरोना (Corona) संक्रमण के चलते कोटा में फंसे छात्रों को बसें भेजकर उत्तर प्रदेश वापस बुलाने के योगी सरकार के फैसले के बाद अब बिहार सरकार पर भी इस बात का दबाव बढ़ गया था. जिसके बाद बिहार सरकार ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है. सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि हमारी सरकार बच्चों को वापस नहीं बुलाएगी. जो वहां पर फंसे हैं उन्हें वहीं सुविधा पहुंचाई जाएगी. इसके साथ ही वहां की राज्य सरकार से भी सुविधा देने को कहा जा रहा है. गौरतलब है कि यूपी सरकार ने कोटा में फंसे 5500 बच्चों को बसों के जरिए वापस घर लाने का काम शुरू किया है.
बेहतर होगा धैर्य रखें
श्रवण कुमार ने कहा कि अभी छात्रों तक सुविधाएं पहुंचाने का काम सरकार कर रही है. इस समय जरूरी ये है कि सभी धैर्य से काम लें और इस आपदा के खत्म होने का इंतजार करें. इसके साथ ही जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने न्यूज 18 को बताया कि छात्रों को वापस बुलाने से सोशल डिस्टेंसिंग की बात खत्म हो जाती है. ऐसे में छात्रों का वहीं पर रहना सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि ये मुश्किल फैसला है लेकिन ये वर्तमान हालातों को देखते हुए जरूरी भी है. बिहार सरकार दूसरे राज्यों से अपील कर रही है कि छात्रों तक मदद पहुंचाई जाए.
कोटा में फंसे हैं 30 हजार बच्चेलॉकडाउन के बाद कोटा में देश भर के करीब 30 हजार से अधिक स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. कोटा में कोरोना के अब तक 49 पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. उसके बाद से इन स्टूडेंट्स के अभिभावक चिंतित हो गए हैं. शहर के कुछ इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू लगा हुआ है. राहत की बात यह है कि अभी तक कोचिंग क्षेत्र इससे अछूता है और सभी स्टूडेंट्स पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
मुख्यतया इन राज्यों के स्टूडेंट्स फंसे हैं
कोटा में फंसे हुए स्टूडेंटस देश भर से यहां इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आए हुए हैं. इनमें मुख्यतः उत्तर प्रदेश के लगभग 7500, बिहार के करीब 6500, मध्य प्रदेश के 4000, झारखंड के 3000, हरियाणा के 2000, महाराष्ट्र के 2000, नार्थ ईस्ट के 1000 और पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 विद्यार्थियों के साथ कई अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थी भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः कोटा से आज भी घर लौट रहे यूपी के सैकड़ों बच्चे, अब MP सरकार भी भेजेगी बसें
बेहतर होगा धैर्य रखें
श्रवण कुमार ने कहा कि अभी छात्रों तक सुविधाएं पहुंचाने का काम सरकार कर रही है. इस समय जरूरी ये है कि सभी धैर्य से काम लें और इस आपदा के खत्म होने का इंतजार करें. इसके साथ ही जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने न्यूज 18 को बताया कि छात्रों को वापस बुलाने से सोशल डिस्टेंसिंग की बात खत्म हो जाती है. ऐसे में छात्रों का वहीं पर रहना सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि ये मुश्किल फैसला है लेकिन ये वर्तमान हालातों को देखते हुए जरूरी भी है. बिहार सरकार दूसरे राज्यों से अपील कर रही है कि छात्रों तक मदद पहुंचाई जाए.
कोटा में फंसे हैं 30 हजार बच्चेलॉकडाउन के बाद कोटा में देश भर के करीब 30 हजार से अधिक स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. कोटा में कोरोना के अब तक 49 पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. उसके बाद से इन स्टूडेंट्स के अभिभावक चिंतित हो गए हैं. शहर के कुछ इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू लगा हुआ है. राहत की बात यह है कि अभी तक कोचिंग क्षेत्र इससे अछूता है और सभी स्टूडेंट्स पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
मुख्यतया इन राज्यों के स्टूडेंट्स फंसे हैं
कोटा में फंसे हुए स्टूडेंटस देश भर से यहां इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आए हुए हैं. इनमें मुख्यतः उत्तर प्रदेश के लगभग 7500, बिहार के करीब 6500, मध्य प्रदेश के 4000, झारखंड के 3000, हरियाणा के 2000, महाराष्ट्र के 2000, नार्थ ईस्ट के 1000 और पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 विद्यार्थियों के साथ कई अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थी भी शामिल हैं.
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