'दाग अच्छे हैं', RJD-NCP-कांग्रेस को 100, JDU-LJP को 50 तो BJP को 36 नंबर

प्रतीकात्मक तस्वीर
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में देशभर में 543 सांसद चुनकर आए थे. इनमें से 185 के विरुद्ध देश के अलग-अलग थानों में अपराधिक मामले दर्ज थे.
- News18 Bihar
- Last Updated: March 14, 2019, 7:59 AM IST
शहाबुद्दीन, सूरजभान सिंह, अनंत सिंह, राजन तिवारी , पप्पू यादव, सुनील पाण्डेय... ये ऐसे नाम हैं जिनका सीधा सरोकार अपराध की दुनिया से रहा है, लेकिन बदलते समय के साथ इन लोगों ने अपना चोला बदल लिया और आम लोगों के लिए कभी कुख्यात रहे ये सब के सब माननीय बन बैठे. इनके सिर पर सियासी आकाओं ने हाथ रखा तो जेल की चारदीवारी से निकलकर ये लोकतंत्र की मंदिर के पुजारी बन गए. कानून से खिलवाड़ करने वाले कानून बनाने लगे.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में देशभर में 543 सांसद चुनकर आए थे. इनमें से 185 के विरुद्ध देश के अलग-अलग थानों में अपराधिक मामले दर्ज थे. ऐसे दागियों की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत थी.
ये भी पढ़ें- NDA में सीटों के चयन पर फंसा है पेच, BJP की सीटों पर JDU-LJP की दावेदारी ने बढ़ाई 'टेंशन'
बात बिहार को लेकर की जाए तो यहां भी ऐसे बाहुबलियों की संख्या कम नहीं रही. बीते लोकसभा चुनाव में बिहार के 40 में से 28 सांसद के विरूद्ध अपराधिक मामले दर्ज थे. आरजेडी, कांग्रेस और एनसीपी के सभी सांसद दागी छवि के थे. बीजेपी के 22 में से 14 सांसद दागी थे. वहीं जेडीयू के 2 में से 1 के और RLSP के तीन में से दो सांसदों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज थे.ये भी पढ़ें- जेल से बाहर आईं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा, आर्म्स एक्ट में 3 महीने से थीं 'कैद'
बीजेपी-आरजेडी जैसे दलों के नेता ये दलील देते हैं की ऐसे लोगों को पसंद भी तो वोटर ही करते हैं. वहीं कांग्रेस नेता एचके वर्मा का तो मानना है कि जब तक न्यायालय अपराधी न ठहरा दे तब तक ऐसे लोगों को अपराधिक कहना गलत है. बहरहाल हम एक नजर डालते हैं ऐसे दागी सांसदों पर अधारित एडीआर की इस रिपोर्ट पर जो यह दर्शाती है की राजनेताओं को ऐसे दाग पसंद हैं.
पार्टी सांसद दागी सांसद आपराधिक मुकदमे संगीन मामले घोषित/प्रतिशत
BJP 22 14 64% 8 (36)
LJP 6 4 67% 3 (50)
RJD 4 4 100% 4 (100)
RLSP 3 2 67% 2 (67)
INC 2 2 100% 1 (50)
JDU 2 1 50% 1 (50)
NCP 1 1 100% 1 (100)
TOTAL 40 28 70 % 20 (50)
ऐसे मामलों पर करीब से नजर रखने वाले एडीआर के जुड़े बिहार इलेक्शन वाच के राजीव कुमार की मानें तो इस बार भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति देखने को मिलेगी.
बहरहाल ये तो साफ है कि तमाम जागरूकता अभियान के बाद भी ऐसे दागी लगातार चुने जा रहे हैं और हमारे माननीय कहला रहे हैं. जाहिर है ये न सिर्फ शासन व्यवस्था का मामला है बल्कि जनता की समझ से भी सीधा सरोकार रखता है. हालांकि प्रजातंत्र में जनता की समझ ही सर्वोपरि होती है, लेकिन ऐसे कुख्यात अगर फिर चुने जाते हैं तो सवाल तो उठेंगे ही.
रिपोर्ट- अमित कुमार
ये भी पढ़ें- बड़ा दिल दिखाए RJD-कांग्रेस, हर कुर्बानी को रहे तैयार: मुकेश सहनी
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में देशभर में 543 सांसद चुनकर आए थे. इनमें से 185 के विरुद्ध देश के अलग-अलग थानों में अपराधिक मामले दर्ज थे. ऐसे दागियों की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत थी.
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बीजेपी-आरजेडी जैसे दलों के नेता ये दलील देते हैं की ऐसे लोगों को पसंद भी तो वोटर ही करते हैं. वहीं कांग्रेस नेता एचके वर्मा का तो मानना है कि जब तक न्यायालय अपराधी न ठहरा दे तब तक ऐसे लोगों को अपराधिक कहना गलत है. बहरहाल हम एक नजर डालते हैं ऐसे दागी सांसदों पर अधारित एडीआर की इस रिपोर्ट पर जो यह दर्शाती है की राजनेताओं को ऐसे दाग पसंद हैं.
पार्टी सांसद दागी सांसद आपराधिक मुकदमे संगीन मामले घोषित/प्रतिशत
BJP 22 14 64% 8 (36)
LJP 6 4 67% 3 (50)
RJD 4 4 100% 4 (100)
RLSP 3 2 67% 2 (67)
INC 2 2 100% 1 (50)
JDU 2 1 50% 1 (50)
NCP 1 1 100% 1 (100)
TOTAL 40 28 70 % 20 (50)
ऐसे मामलों पर करीब से नजर रखने वाले एडीआर के जुड़े बिहार इलेक्शन वाच के राजीव कुमार की मानें तो इस बार भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति देखने को मिलेगी.
बहरहाल ये तो साफ है कि तमाम जागरूकता अभियान के बाद भी ऐसे दागी लगातार चुने जा रहे हैं और हमारे माननीय कहला रहे हैं. जाहिर है ये न सिर्फ शासन व्यवस्था का मामला है बल्कि जनता की समझ से भी सीधा सरोकार रखता है. हालांकि प्रजातंत्र में जनता की समझ ही सर्वोपरि होती है, लेकिन ऐसे कुख्यात अगर फिर चुने जाते हैं तो सवाल तो उठेंगे ही.
रिपोर्ट- अमित कुमार
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