सीमांचल में अमित शाह की रैली के बाद अब 25 फरवरी को महागठबंधन एक बड़ी रैली का आयोजन करने जा रहा है.
पटना. वैसे तो लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) में अभी एक साल से अधिक का समय बचा हुआ है. लेकिन, बिहार में बढ़ती राजनीतिक हलचल (Bihar Politics) को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि चुनाव के दिन नजदीक आ गए है. दरअसल बिहार में चुनावी रैलियों का दौर शुरू हो गया है और इसका केंद्र बिंदु है सीमांचल. यहां 25 फरवरी को महागठबंधन एक बड़ी रैली का आयोजन करने जा रहा है जिसे बिहार की सियासत के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल सीमांचल से बिहार की राजनीति में चुनावी ट्रेंड (Election Trend) सेट किया जाता है.
बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव में किशनगंज (Kishanganj) को छोड़ तमाम सीट पर एनडीए ने कब्जा जमाया था. तब बीजेपी के साथ जेडीयू थी लेकिन आज जदयू बीजेपी से अलग हो चुकी है और महागठबंधन के साथ आकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है. आज जो जातीय समीकरण है महागठबंधन के पास है वो फिलहाल बीजेपी पर भारी पड़ती दिख रही है. लेकिन, बीजेपी का दावा है कि एनडीए महागठबंधन पर भारी पड़ेगा.
अमित शाह ने पूर्णिया के रंग भूमि मैदान में की थी बड़ी रैली
दरअसल कुछ महीने पहले जब नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हुए थे तब उसके कुछ महीने बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्णिया के रंग भूमि मैदान (Purnea Rang Bhoomi Maidan) में एक बड़ी रैली की थी और नीतीश कुमार के साथ साथ महाठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा था. रैली में अमित शाह ने अवैध घुसपैठ, रोहंगिया मुस्लिम समेत अन्य मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी थी. तभी महागठबंधन ने तय किया था कि सीमांचल में ही महाठबंधन एक बड़ी रैली कर इसका जवाब देगी. अब उसी मैदान में महागठबंधन रैली कर जवाब देने की तैयारी में है.
सीमांचल में AIMIM है बड़ा फैक्टर
बता दें, सीमांचल के जिले मुस्लिम बहुल इलाके हैं. बीजेपी के नेता मुस्लिम तुष्टिकरण की बात कह महागठबंधन सरकार पर हमला बोलते रहे है. साथ ही इन इलाकों में हिंदुओं को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाते हैं. महागठबंधन की रैली पर वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि सीमांचल में रैली करने की कई और वजहें भी है. दरअसल इसके पीछे एक बड़ी वजह एआईएमआईएम (AIMIM) भी है जिसका असर पिछले विधानसभा चुनाव में साफ-साफ दिखा था. वहीं AIMIM ने उपचुनाव में भी महागठबंधन को झटका दिया था. अब लोकसभा चुनाव में भी उसकी बड़ी तैयारी है. ऐसे में महागठबंधन मुस्लिमों को साफ मैसेज देने की तैयारी कर रही है ताकि वोटों का बिखराव न हो सके.
ललन सिंह ने कही यह बात
JDU के राष्ट्रीय प्रेसिडेंट राजीव रंजन सिंह ललन कहते हैं कि बीजेपी का मंसूबा किसी से छिपा हुआ नहीं है. लेकिन, बीजेपी अपने मकसद में सफल नहीं होगी. महागठबंधन ने तो गृह मंत्री अमित शाह के रैली के बाद ही घोषणा कर दी थी कि महागठबंधन भी सीमांचल में बड़ी रैली करेगी और यह रैली उसी कड़ी का हिस्सा है. नीतीश कुमार के रहते बिहार का माहौल कोई खराब नहीं कर सकता है. चाहे कोई लाख प्रयास कर ले. नीतीश कुमार सबका साथ सबका विकास वाली राजनीति करते हैं. वह किसी जाति और धर्म को देख कर राजनीति नहीं करते है. इंतजार कीजिए पूर्णिया की रैली ऐतिहासिक होगी और तमाम ध्रुवीकरण की कोशिश फेल हो जाएगी.
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Tags: Bihar News, Bihar politics, Purnia news
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