पटना. बिहार में छठे फेज की शिक्षक बहाली (Bihar Teacher Appointment) प्रक्रिया खत्म होने के बाद शिक्षा विभाग एक्शन में है. नियुक्ति प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के बाद शिकायत मिलने पर अब ना सिर्फ अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की तैयारी है बल्कि दोषी अधिकारियों पर भी गाज गिरने वाली है. शिक्षा विभाग (Education Department) ने समीक्षा बैठक के बाद सभी डीईओ, डीपीओ को निर्देश दिया है कि नियोजन प्रक्रिया में अनियमितता करने वाले अधिकारियों और फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करें.
शिक्षा विभाग ने 31 मार्च तक सभी जिलों को शिक्षकों की शत प्रतिशत वेतन पर्ची जारी करने और डिजिटल हस्ताक्षर करवाने के साथ ही बकाया वेतन के भुगतान का आदेश दिया है. अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने अपने बैठक में शिक्षकों की नियुक्ति, निजी स्कूलों की मान्यता, शिक्षकों की वेतन पर्ची निर्धारण को लेकर चर्चा की और यह भी कहा कि शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में बिना किसी ठोस आधार के नियुक्ति पत्र नहीं रोकी जाए.
शिक्षकों के बकाए वेतन को लेकर पटना, सीतामढ़ी, बक्सर, कैमूर, बेगूसराय, शिवहर, भोजपुर, दरभंगा, किशनगंज, गोपालगंज समेत कई जिलों को राशि आवंटित करने की जानकारी दी गई. राज्य में फिलहाल प्रारम्भिक स्कूलों में छठे चरण में 41 हजार शिक्षकों की बहाली हो चुकी है और सातवें चरण की बहाली को लेकर सरकार ने अब तक कोई शेड्यूल जारी नहीं किया है लेकिन बड़े पैमाने पर डीएलएड, बीएड और बीटेट सर्टिफिकेट की जांच भी चल रही है और जो अभ्यर्थी फर्जी पाए गए हैं उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी तेज हो गई है.
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