पटना स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता में सम्राट चौधरी व डॉ संजय जायसवाल.
पटना. भारतीय जनता पार्टी ने अति पिछड़ा आरक्षण पर सीएम नीतीश पर जमकर प्रहार किया है. बीजेपी नेताओं ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार अति पिछड़ों के लिए नायक नहीं; बल्कि खलनायक बन कर उभरे हैं. बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार अगर अतिपिछड़ों के इतने ही हितैषी हैं तो हाई कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध अब सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गए?
पटना में भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए की सरकार में पंचायत में आरक्षण की व्यवस्था की गई. सम्राट चौधरी जब पंचायती राज मंत्री थे तो उनके दबाव में तदर्थ समिति बनी थी; और पंचायत चुनाव हुआ. बीजेपी पहले से नगर निकाय और पंचायत के लिए तदार्थ समिति बनाने की मांग करती रही है. अध्यक्ष ने कहा कि हर हाल में अनुसूचित जाति और पिछड़ों को आरक्षण मिलना चाहिए. साथ ही जल्द से जल्द नगर निकाय का चुनाव कराये जाने चाहिए.
संजय जायसवाल ने कहा कि सरकार अभी तक न तो सुप्रीम कोर्ट गई है और न ही आयोग बनाया है. सरकार चाहती है कि नगर निगम की राशि मंत्री के पास रहे, जैसा लालू यादव पहले किया करते थे. संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि बीजेपी 30 दिनों का समय देती है; यदि नगर निकाय का चुनाव नहीं हुए तो पार्टी पटना की सड़कों पर उतर कर घेराव करेगी. 17 अक्टूबर को पूरे बिहार में बीजेपी धरना देगी.
बिहार विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार नायक नहीं खलनायक बनकर अतिपिछड़ों के सामने आए हैं. उन्होंने अपनी जिद में आयोग नहीं बनने दिया. जेडीयू पोल-खोल की बात करती है, लेकिन उनकी पोल खुद ही खुल गई है. बीजेपी इस मामले न तीन में है न तेरह में. सम्राट चौधरी ने पूछा कि बिहार सरकार बताए कि अतिपिछड़ों का सम्मान क्यों घटा?
बता दें कि बिहार में नगर निकायों के चुनाव में बगैर ट्रिपल टेस्ट के पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया था. इसे चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पटना हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. कोर्ट ने भी माना कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत बगैर ट्रिपल टेस्ट के ईबीसी को आरक्षण दे दिया. राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किए बिना ही चुनाव करा रहा था.
इसको लेकर आयोग को हाई कोर्ट ने फटकार भी लगाई. इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लिए 20% आरक्षित सीटों को सामान्य कर नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी करें. साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग से कहा गया कि वह मतदान की तारीख आगे बढ़ाना चाहे, तो बढ़ा सकता है. इसके बाद बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगरीय निकाय चुनाव को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था.
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