पटना. बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी फिलहाल अब अभ्यर्थियों की पहचान और पैसे के लेनदेन पर खुद को कंसंट्रेट कर रही है. सॉल्वर गैंग के रिमांड पर लिए गए सुधीर कुमार सिंह और राजेश कुमार से रिमांड के पहले दिन एसआईटी ने गुरुवार को सघन पूछताछ की इस दौरान कई अभ्यर्थियों को भी चिन्हित किया गया. ये ऐसे अभ्यर्थी हैं जो इस सिंडिकेट के संपर्क में बने हुए थे और पैसों के मायाजाल पर अफसर बनने का ख्वाब देख रहे थे. इन सभी अभ्यर्थियों ने पैसे का भुगतान भी किया था. एसआईटी को पेपर लीक कांड में अभी तक बड़े पैमाने पर पैसे के लेनदेन के सबूत मिल चुके हैं. ज्यादातर पैसे यूपीआई के माध्यम से लिए गए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार इस गिरोह का कोई फिक्स रेट नहीं था, जैसे अभ्यर्थी थे उसी के हिसाब से उनसे पैसे की डील की गई थी. सूत्रों की माने तो सॉल्वर गैंग के सदस्य सुधीर कुमार सिंह द्वारा पैसे का बड़े पैमाने पर लेनदेन किया गया था. सॉल्वर गैंग के सरगना पिंटू यादव के अलावा सुधीर ही वह शख्स था है जिसके पास अभ्यर्थियों से लेनदेन के तमाम सबूत एसआईटी को मिले हैं.
एसआईटी को मिली कई अहम जानकारी
बता दें, गैंग का सरगना पिंटू यादव अभी फरार चल रहा है. लिहाजा उसके संबंध में भी सुधीर से पूछताछ की गई. डील के लिए पैसों का लेनदेन क्योंकि इन्हीं दोनों के माध्यम से किया गया था. लिहाजा सुधीर से यह राज उगलवाने में साहित्य की टीम लगी हुई है कि कौन-कौन से अभ्यर्थी अब तक पैसे दे चुके थे. सुधीर और रमेश से गिरोह के संपर्क में रहे बीपीएससी के अभ्यर्थियों को लेकर कई अहम जानकारी एसआईटी को मिली है. एसआईटी की टीम ने अभ्यर्थियों जनसंपर्क कर उनसे पैसे कैसे लिए जाते हैं इस बात की जानकारी हासिल कर लिया है. एसआईटी के अधिकारियों द्वारा सॉल्वर गैंग के दोनों सदस्यों से कई तरह के सवाल जवाब किए गए. एसआईटी ने इनसे पूछताछ के पहले अपनी तरफ से खासी तैयारी कर रखी थी.
एसआईटी की रडार पर अभ्यर्थी
सूत्रों की मानें तो अब तक डेढ़ से दो दर्जन अभ्यर्थियों की पहचान भी कर ली गई है जो गिरोह के संपर्क में थे. उनके खिलाफ पैसे के लेनदेन के को साक्ष्य के तौर पर एसआईटी अनुसंधान में उपयोग में लाएगी. एसआईटी को पेपर लीक कांड में अभी तक बड़े पैमाने पर पैसे के लेनदेन के सबूत मिल चुके हैं. ज्यादातर पैसे यूपीआई के माध्यम से लिए गए हैं. लेकिन कब किससे और कितनी रकम मंगाई है भेजी गई है इसकी पुख्ता जानकारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने यूपीआई से जुड़ी कंपनियों से जानकारी मांगी है. इसकी डिटेल मिल जाने के बाद कई और अभ्यर्थी एसआईटी की राडार पर आ जाएंगे. इसके बाद उन सभी की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी कार्रवाई शुरू करेगी. साक्ष्य के तौर पर लेन-देन को एसआईटी अनुसंधान में शामिल करेगी.
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