पटना. बीपीएससी 67वीं पीटी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक (BPSC PT Paper Leak) मामले में न्यूज़ 18 ने एक और खुलासा किया है जिसमें आयोग की बड़ी गलती उजागर हुई है. इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के द्वारा अभी तक कई अधिकारियों और शिक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन अब आयोग खुद सवालों के घेरे में है. आयोग के फॉर्मेट के मुताबिक आयोग ने खुद ही यह आदेश दिया था कि परीक्षा वाले दिन यानी आठ मई की सुबह 10 बज कर 50 मिनट पर परीक्षा हॉल में प्रश्न पत्र का सील बंद लिफाफा दे दिया जाए.
हैरानी की बात यह है कि दोपहर 12 से दो बजे तक परीक्षा होनी थी और यह प्रश्न पत्र परीक्षा हॉल में अभ्यर्थियों को सुबह 11.50 बजे देना था, लेकिन आयोग से खुद बड़ी गलती हुई है कि इसमें 11 की बजाय फॉर्मेट में 10 अंकित (प्रिन्टेड) थे. ऐसे में सवाल उठता है कि आरा के वीर कुंवर सिंह परीक्षा केंद्र के जिन चार अधिकारियों की शुरुआत में इस आधार पर गिरफ्तारी हुई थी कि उन्होंने 11.50 बजे से पहले सम्भवतः प्रश्न पत्र दे दिया था, इस तरह अब बीपीएससी खुद इस पत्र से फंसता हुआ दिख रहा है.
BPSC PT एग्जाम का पेपर हो गया था लीक
बता दें कि आठ मई को बिहार में बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी परीक्षा) का प्रश्न पत्र लीक हो गया था. रविवार को परीक्षा शुरू होने से लगभग एक घंटे पहले सोशल मीडिया (टेलीग्राम और कई व्हाट्सएप ग्रुप) में बीपीएससी का प्रश्न पत्र वायरल होने लगा था. परीक्षा खत्म होने के बाद वायरल प्रश्न पत्रों से परीक्षा में आए सवालों का मिलान किया गया तो वो मैच कर गये. इसको लेकर अभ्यर्थियों और छात्रों ने राज्य भर में पेपर लीक को लेकर हंगामा और प्रदर्शन किया था.
बाद में तीन सदस्यीय जांच कमेटी की मात्र तीन घंटे के अंदर सौंपी रिपोर्ट पर आयोग के द्वारा बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द घोषित कर दी गई थी.
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