महाराष्ट्र NDA में 'टूट' पर बोले चिराग-BJP बड़ी पार्टी, उनकी बड़ी जिम्मेवारी
News18 Bihar Updated: November 13, 2019, 12:44 PM IST

चिराग पासवान ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के लिए बीजेपी-शिवसेना की महत्वाकांक्षा को जिम्मेदार ठहराया है.. (फाइल फोटो)
चिराग पासवान ने मंगलवार को ऐलान किया कि एलजेपी झारखंड की 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. इसके साथ ही सूत्रों से ये भी खबर आ रही है कि एलजेपी दिल्ली में भी बीजेपी से अलग चुनाव लड़ेगी.
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- Last Updated: November 13, 2019, 12:44 PM IST
पटना. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना (BJP-SHIVSHENA) के बीच सियासी खींचतान का परिणाम ये रहा है कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन (PRESIDENT RULE) लगाने की नौबत आ गई. अब इसको लेकर शिवसेना पार्टी के मुखपत्र 'सामना' जरिए बीजेपी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कोई कुछ भी कहे लेकिन सच्चाई यह है कि हमने नीलकंठ की तरह हमने विषपान किया है. वहीं, बीजेपी (BJP) के नेता सुधीर मुनगंतीवार ने इस राजनीतिक स्थिति के लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राष्ट्रपति शासन लगना जनादेश का अपमान है और यह कुछ लोगों के हठ के कारण हुआ है. दूसरी ओर महाराष्ट्र में जारी सियासी महाभारत के बीच एनडीए की सहयोगी एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (CHIRAG PASWAN) ने इसे बीजेपी-शिवसेना की महत्वाकांक्षा की लड़ाई बताते हुए इस अलगाव का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा है.
न्यूज 18 से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा के कारण आज महाराष्ट्र में राष्ट्रपति लगाने की नौबत आ गई, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी एनडीए की बड़ी पार्टी है इसलिए उनकी जिम्मेदारी भी बड़ी है. महाराष्ट्र की जनता ने एनडीए को सरकार बनाने का मजबूत मेंडेट दिया था, लेकिन अपनी अपनी महत्वाकांक्षाओं के कारण ये नौबत आई है, ये बहुत दुख की बात है.
वहीं, कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच टकराव की स्थिति पर कहा कि बीजेपी से जनता के साथ सहयोगियों का भी विश्वास उठ गया है. उनके सहयोगी भी उनसे मुंह मोड़ने लगे हैं. शिवसेना के बाद चिराग ने भी अलग रुख अपनाया है और बिहार विधानसभा से पहले अन्य कई सहयोगी भी अलग होंगे.
हालांकि चिराग पसावान के इस बयान से इतर जेडीयू ने इस स्थिति के लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी के नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण राष्ट्रपति शासन लगाने की स्थिति आई. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने की दोषी शिव सेना है.
झारखंड में एलजेपी और जेडीयू के साथ चुनाव लड़ने की अटकलों पर अशोक चौधरी ने कहा कि चिराग ने अपने तरीके से फैसला लिया है जबकि जेडीयू ने पहले से ही अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. गठबंधन के लिए चिराग ने देर से फैसला लिया है. जेडीयू में किस स्तर पर बात हो रही पता नहीं.
बता दें कि चिराग पासवान ने मंगलवार को ऐलान किया कि एलजेपी झारखंड की 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. इसके साथ ही सूत्रों से ये भी खबर आ रही है कि एलजेपी दिल्ली में भी बीजेपी से अलग चुनाव लड़ेगी.इनपुट- अमित कुमार सिंह
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न्यूज 18 से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा के कारण आज महाराष्ट्र में राष्ट्रपति लगाने की नौबत आ गई, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी एनडीए की बड़ी पार्टी है इसलिए उनकी जिम्मेदारी भी बड़ी है. महाराष्ट्र की जनता ने एनडीए को सरकार बनाने का मजबूत मेंडेट दिया था, लेकिन अपनी अपनी महत्वाकांक्षाओं के कारण ये नौबत आई है, ये बहुत दुख की बात है.
वहीं, कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच टकराव की स्थिति पर कहा कि बीजेपी से जनता के साथ सहयोगियों का भी विश्वास उठ गया है. उनके सहयोगी भी उनसे मुंह मोड़ने लगे हैं. शिवसेना के बाद चिराग ने भी अलग रुख अपनाया है और बिहार विधानसभा से पहले अन्य कई सहयोगी भी अलग होंगे.
हालांकि चिराग पसावान के इस बयान से इतर जेडीयू ने इस स्थिति के लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी के नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण राष्ट्रपति शासन लगाने की स्थिति आई. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने की दोषी शिव सेना है.

झारखंड में जेडीयू-एलजेपी एनडीए से अलग चुनाव लड़ रही है और आजसू के भी तेवर तल्ख दिख रहे हैं. (फाइल फोटो)
झारखंड में एलजेपी और जेडीयू के साथ चुनाव लड़ने की अटकलों पर अशोक चौधरी ने कहा कि चिराग ने अपने तरीके से फैसला लिया है जबकि जेडीयू ने पहले से ही अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. गठबंधन के लिए चिराग ने देर से फैसला लिया है. जेडीयू में किस स्तर पर बात हो रही पता नहीं.
बता दें कि चिराग पासवान ने मंगलवार को ऐलान किया कि एलजेपी झारखंड की 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. इसके साथ ही सूत्रों से ये भी खबर आ रही है कि एलजेपी दिल्ली में भी बीजेपी से अलग चुनाव लड़ेगी.
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First published: November 13, 2019, 12:44 PM IST
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