बिहार में शीत'कहर'! 25% बढ़े BP, हाइपरटेंशन और निमोनिया के मरीज, मानें डॉक्टरों की ये सलाह

बिहार मं बीते चार दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है.
लगातार गिरते पारे की वजह से बिहार (Bihar) के सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में इसका असर देखने को मिल रहा है. जबरदस्त ठंड की वजह से जहां पहले से बीमार मरीजों की परेशानी बढ़ गई है तो आम लोग भी ठंड की मार (Severe Cold) से बीमार पड़ने लगे हैं
- News18 Bihar
- Last Updated: December 28, 2019, 2:05 PM IST
पटना. बिहार (Bihar) में लगातार गिरते तापमान और बढ़ती ठंड (Severe Cold) ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. खासकर वैसे मरीजों की जो हृदय रोग (Heart Disease), हाइपरटेंशन (Hypertension) और डायबीटिज (Diabetes) से पीड़ित हैं. ये ठंड उन मरीजों के लिए जानलेवा बनती जा रही है. हाड़ कंपा देनेवाली इस ठंड की वजह से अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ कई गुणा ज्यादा बढ़ गई है. आलम यह है कि ठंड की वजह से लोग निमोनिया (Pneumonia) ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) और हार्ट अटैक (Heart Attack) के शिकार हो रहे हैंं. वहीं डायबिटीज और दमा के मरीजों को भी खासी सावधानी बरतनी पड़ रही है.
बिहार में पिछले चार दिन से लगातार न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जा रही है और लोगों को यदाकदा ही धूप का दर्शन हो रहा है. लगातार गिरते पारे की वजह से सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में इसका असर देखने को मिल रहा है. जबरदस्त ठंड की वजह से जहां पहले से बीमार मरीजों की परेशानी बढ़ गई है तो वहीं आम लोग भी ठिठुरन बढ़ने से बीमार पड़ने लगे हैं.
अस्पतालों में सबसे अधिक 'कोल्ड अटैक' के मरीज
राजधानी पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस से लेकर न्यू गार्डिनर अस्पतालों में सबसे अधिक 'कोल्ड अटैक' के मरीज देखे जा रहे हैं. न्यू गार्डिनर अस्पताल के निदेशक डॉक्टर मनोज कुमार की मानें तो ठंड की वजह से खासकर जहां हाइपरटेंशन, डाइबीटिज के मरीजों में अचानक ब्लड शुगर बढ़ने लगा है वहीं बीपी में भी काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. निमोनिया और बीपी के मरीजों की संख्या भी इससे 25 प्रतिशत बढ़ गई है.
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि ठंड में जैसे ही बीपी में बढ़ोतरी होती है तो हाइपरटेंशन का खतरा होने लगता है. यहां तक कि ब्रेन हेमरेज तक हो जाता है. ऐसे मरीजों से अपील करते हुए डॉ. मनोज ने उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी और कहा कि बच्चे हों या बुजुर्ग जब भी बाहर निकलें तो गर्म कपड़े पहनकर ही निकलें. साथ ही सिर से लेकर पांव तक ढके होने चाहिए और वो किसी किस्म की लापरवाही नहीं बरतें.
जबरदस्त ठंड के मौसम में मॉर्निंग वॉक से परहेज करें
उन्होंने सुबह सैर पर जाने वालों को भी सलाह देते हुए कहा कि इस ठंड में मॉर्निंग वॉक से तब तक परहेज करें जब तक कि धूप नहीं निकले. दरअसल फॉग ज्यादा होने से फॉग और पॉल्यूशन मिलकर स्मॉग बन जाता है जो काफी हानिकारक है. उन्होंने हाइपरटेंशन और डायबीटिज मरीजों को समय-समय पर ब्लड शुगर और बीपी चेक कराने की सलाह देते हुए कहा कि इस दौरान थोड़ा-थोड़ा खाना ही ग्रहण करें.

प्रसिद्ध नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर इंदु भूषण भी बताते हैं कि यह मौसम बुजुर्गों लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है क्योंकि चेस्ट इंफेक्शन की वजह से सीधे वो निमोनिया का शिकार हो रहे हैं. साथ ही हार्ट अटैक का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में बुजुर्गों को बेहद सावधानी बरतनी चाहिए और शरीर को गर्म कपड़े से हमेशा ढक कर रखना चाहिए.
बिहार में पिछले चार दिन से लगातार न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जा रही है और लोगों को यदाकदा ही धूप का दर्शन हो रहा है. लगातार गिरते पारे की वजह से सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में इसका असर देखने को मिल रहा है. जबरदस्त ठंड की वजह से जहां पहले से बीमार मरीजों की परेशानी बढ़ गई है तो वहीं आम लोग भी ठिठुरन बढ़ने से बीमार पड़ने लगे हैं.
अस्पतालों में सबसे अधिक 'कोल्ड अटैक' के मरीज

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि ठंड में जैसे ही बीपी में बढ़ोतरी होती है तो हाइपरटेंशन का खतरा होने लगता है. यहां तक कि ब्रेन हेमरेज तक हो जाता है. ऐसे मरीजों से अपील करते हुए डॉ. मनोज ने उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी और कहा कि बच्चे हों या बुजुर्ग जब भी बाहर निकलें तो गर्म कपड़े पहनकर ही निकलें. साथ ही सिर से लेकर पांव तक ढके होने चाहिए और वो किसी किस्म की लापरवाही नहीं बरतें.
जबरदस्त ठंड के मौसम में मॉर्निंग वॉक से परहेज करें
उन्होंने सुबह सैर पर जाने वालों को भी सलाह देते हुए कहा कि इस ठंड में मॉर्निंग वॉक से तब तक परहेज करें जब तक कि धूप नहीं निकले. दरअसल फॉग ज्यादा होने से फॉग और पॉल्यूशन मिलकर स्मॉग बन जाता है जो काफी हानिकारक है. उन्होंने हाइपरटेंशन और डायबीटिज मरीजों को समय-समय पर ब्लड शुगर और बीपी चेक कराने की सलाह देते हुए कहा कि इस दौरान थोड़ा-थोड़ा खाना ही ग्रहण करें.

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि ठंड बढ़ने से बीपी, हाइपरटेंशन और निमोनिया के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है
प्रसिद्ध नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर इंदु भूषण भी बताते हैं कि यह मौसम बुजुर्गों लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है क्योंकि चेस्ट इंफेक्शन की वजह से सीधे वो निमोनिया का शिकार हो रहे हैं. साथ ही हार्ट अटैक का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में बुजुर्गों को बेहद सावधानी बरतनी चाहिए और शरीर को गर्म कपड़े से हमेशा ढक कर रखना चाहिए.
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