पटना. बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) ने कहा है कि उन्होंने अपने शहरी विकास और आवास विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राजधानी पटना (Patna) में बुनियादी ढांचे से संबंधित सभी लंबित परियोजनाओं को चालू वित्त वर्ष के भीतर पूरा किया जाए. यह निर्देश तब आया है जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने मार्च में बिहार विधानसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कार्यदायी एजेंसी बिहार शहरी अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड को ‘नमामि गंगे’ पहल के तहत निर्धारित समय में ऐसी परियोजनाओं को पूरा करने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई थी.
डिप्टी सीएम ने सोमवार को कहा कि पटना में सभी अवजल शोधन संयंत्र (एसटीपी) का निर्माण कार्य 2022-23 में पूरा कर लिया जाएगा. अधिकारियों को केंद्र के ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत इस तरह के बुनियादी ढांचे के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण के लिए सरकार के नियमों और मानदंडों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि ‘नमामि गंगे’ (Namami Ganga) कार्यक्रम एक एकीकृत मिशन है, जिसे वर्ष 2014 में गंगा नदी के प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन, संरक्षण और कायाकल्प के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ केंद्र द्वारा अनुमोदित किया गया था.
पटना में 6 STP और 5 सीवरेज नेटवर्क का किया जाना था निर्माण
पटना में छह एसटीपी और पांच सीवरेज प्रणालियों (सीवरेज नेटवर्क) का निर्माण किया जाना था और उनमें से नौ को मई 2021 तक पूरा किया जाना था. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन नौ परियोजनाओं में से सिर्फ चार ही जुलाई 2021 तक पूरी हो पाईं हैं और अन्य की प्रगति 53 से 93 प्रतिशत के बीच थी. उसने कहा कि जहां तक दीघा और कंकड़बाग में एसटीपी की बात है वहां प्रगति ‘नहीं के बराबर’ थी.
सीएजी ने कहा कि कार्यकारी एजेंसी, बिहार शहरी अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड, कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करने में विफल रही, क्योंकि आज तक कोई भी एसटीपी सीवरेज नेटवर्क के साथ पूरा नहीं हुआ है और गंगा व उसकी सहायक नदियों में वांछित सीवेज का प्रवाह पटना में रोका नहीं जा सका. इस रिपोर्ट के अनुसार यह भी देखा गया कि वित्त वर्ष 2016-17 से 2019-20 के दौरान केवल 16 से 50 प्रतिशत धन का उपयोग किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है स्वीकृत लागत के मुकाबले, दिसंबर 2020 तक केवल 35.48 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हासिल हुई थी.
वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभालने वाले तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि एसटीपी के निर्माण कार्य को पूरा करने में देरी ‘रेलवे सहित विभिन्न प्राधिकरणों से लंबित मंजूरी के कारण’ थी. उन्होंने कहा कि अब, हमें लगभग सभी प्राधिकरणों से मंजूरी मिल गई है, और सभी एसटीपी के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी. (भाषा से इनपुट)
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