रंग लाई तेजप्रताप-तेजस्वी की मेहनत, पटना में बनाई जाएगी नई दूध मंडी

पटना की दूध मंडी टूटने के बाद धरना देते तेजस्वी और तेजप्रताप यादव.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की देन कहे जाने वाले और पटना जंक्शन (Patna Junction) से सटे इस दूध मंडी (Milk Market) का इतिहास 40 साल पुराना है. इस मंडी की शुरुआत दूध का कारोबार करने वाले तीन ग्वालों ने की थी.
- News18 Bihar
- Last Updated: August 22, 2019, 10:55 AM IST
पटना के दूध मंडी (Patna Milk Market) को बचाने के लिए भारी बारिश में लालू यादव (Lalu Prasad) के दोनों लाल यानि तेजप्रताप और तेजस्वी यादव (Tej pratp Yadav) का धरना प्रदर्शन दूधवालों के काम आ गया है. आठ घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामा का समापन प्रशासन के उस लिखित आदेश के साथ हुआ, जिसमें दूधवालों के लिए नई मंडी बनाने की बात कही गई है. पटना जिला प्रशासन (Patna District Administration) द्वारा भरोसा दिलाया गया है कि दूध मंडी को पटना स्टेशन (Patna Junction) के ही आसपास के इलाके में बनाया जाएगाा. इसके लिए जो दायरा तय किया गया है वह भी जंक्शन से मात्र डेढ़ किलोमीटर के अंदर का ही इलाका होगा. यानि दूधवालों को अपनी मंडी के लिए पटना जंक्शन से ज्यादा दूर नहीं जाना होगा.
सरकारी लेटर के बाद खत्म हुआ धरना
इस बाबत नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी ने लेटर जारी की है. इसमें साफ तौर पर लिखा है कि पटना रेलवे स्टेशन के सामने से विस्थापित दूध मार्केट से प्रभावित दुकानदारों के लिए नगर निगम द्वारा नियमानुसार जल्द से जल्द उचित स्थान उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
40 साल पुराना है दूध मंडीराजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की देन कहे जाने वाले और पटना जंक्शन से सटे इस दूध मंडी का इतिहास 40 साल पुराना है. इस मंडी की शुरुआत दूध का कारोबार करने वाले तीन ग्वालों ने की थी. देखते ही देखते यह मंडी 6300 वर्गफीट में फैल गई. प्रशासन के मुताबिक, इसके आसपास लगभग दो एकड़ भूमि पर अस्थायी अतिक्रमण था. दूध मंडी से बिहार के अलावा पड़ोसी राज्यों झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी पनीर और खोए की सप्लाई होती थी.
दूध-पनीर के साथ वोटों पर भी होती है चर्चा
इस मंडी की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे पटना में राजद का मिनी गढ़ कहा जाता है. दूध और पनीर के साथ-साथ इस मंडी से वोट बैंक की भी पूंजी बढ़ाई जाती रही है. लिहाजा दूध मंडी पर जब जिला प्रशासन का बुलडोजर चला तो तेजस्वी ने इस मौके को हाथो हाथ लपक लिया और पूरे लाव-लश्कर के साथ धरना देने आ गए. भारी बारिश के बीच भी तेजस्वी-तेजप्रताप ने न केवल धरना दिया, बल्कि पिता लालू यादव की ही तरह विरोधियों पर निशाना भी साधा.
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सरकारी लेटर के बाद खत्म हुआ धरना
इस बाबत नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी ने लेटर जारी की है. इसमें साफ तौर पर लिखा है कि पटना रेलवे स्टेशन के सामने से विस्थापित दूध मार्केट से प्रभावित दुकानदारों के लिए नगर निगम द्वारा नियमानुसार जल्द से जल्द उचित स्थान उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
दूध-पनीर के साथ वोटों पर भी होती है चर्चा
इस मंडी की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे पटना में राजद का मिनी गढ़ कहा जाता है. दूध और पनीर के साथ-साथ इस मंडी से वोट बैंक की भी पूंजी बढ़ाई जाती रही है. लिहाजा दूध मंडी पर जब जिला प्रशासन का बुलडोजर चला तो तेजस्वी ने इस मौके को हाथो हाथ लपक लिया और पूरे लाव-लश्कर के साथ धरना देने आ गए. भारी बारिश के बीच भी तेजस्वी-तेजप्रताप ने न केवल धरना दिया, बल्कि पिता लालू यादव की ही तरह विरोधियों पर निशाना भी साधा.
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