बासा ने सीनियर आईएएस केके पाठक को पद से हटाने की मांग की. इनसेट में केके पाठक.
पटना. मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव और बिपार्ड के डीजी केके पाठक की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं, क्योंकि बासा के पदाधिकारियों ने अब सीनियर आईएएस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. केके पाठक का गाली देते वीडियो वायरल होने के बाद बासा के अध्यक्ष शशांक शेखर सिन्हा, महासचिव सुनील तिवारी समेत कई पदाधिकारी सचिवालय थाना पहुंचे जहां कई तरह के गंभीर आरोप लगाते हुए केके पाठक के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज करने का आवेदन दिया है. शिकायत के बाद पुलिस एफआईआर दर्ज करने में जुट गई है और तत्काल जांच की कारवाई भी शुरू होगी.
बासा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केके पाठक कुछ माह पहले डिप्टी कलक्टर के साथ बैठक कर रहे थे, तभी उन्होंने अमर्यादित भाषा में बात करते हुए गाली गलौच की और बिहारियों के लिए भी अपशब्द कहे हैं. इसलिए बासा अब कार्रवाई की मांग कर रहा है. अध्यक्ष ने कहा कि केके पाठक इतने साल से बिहार में नौकरी कर रहे हैं, बावजूद अब तक वो बिहारी नहीं हुए हैं. ऐसा बयान देना शर्मनाक है.
बता दें कि वायरल हो रहे कथित वीडियो में सीनियर आईएएस अधिकारी केके पाठक सड़क पर ढंग से चलने को लेकर बिहारवासियों को गाली दे रहे हैं. वे चेन्नई के लोगों का उदाहरण देकर कहते हैं कि चेन्नई में आदमी बाएं से चलता है, यहां किसी को बाएं से चलते देखे हो.
वे बार-बार कुर्सी पर उठ-बैठ रहे हैं. बैठक के दौरान केके पाठक राज्य के लोगों की तीखी आलोचना भी कर रहे हैं. इसके साथ ही वे अन्य अधिकारियों से सवाल भी पूछ रहे हैं. इसी क्रम में वे बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर नाराज भी होते दिख रहे हैं. हालांकि न्यूज 18 इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
केके पाठक के रवैए से नाराज बासा ने ऐलान कर दिया है कि कल इस मामले के विरोध में राज्य भर में बासा के पदाधिकारी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. साथ ही उनकी मानसिक शुद्धि के लिए मौन व्रत का धारण करेंगे. बासा ने यह भी आरोप लगाया है कि केके पाठक ने बासा का निबंधन भी बेवजह रद्द करवा दिया है जो कि साफ तौर से अन्याय है.
बता दें कि पिछले डेढ़ माह पहले भी केके पाठक पर प्रोबेशनर डिप्टी कलक्टर को मिलिट्री की तर्ज पर ट्रेनिंग देने का आरोप लगा था. उसी वक्त बासा ने विरोध में ना सिर्फ आवाज उठाई थी, बल्कि मुख्य सचिव से भी शिकायत की थी. गालीबाज अफसर केके पाठक के मामले की बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार ने कड़ी निंदा की है.
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Tags: Bihar News, Controversial statement
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